Maharashtra: जलाशयों में पानी भरने से गढ़चिरौली की छह बस्तियों से सड़क संपर्क टूटा

महाराष्ट्र के गढ़चिरौली की छह सुदूर बस्तियों में रहने वाले सैकड़ों आदिवासियों के लिए हर वर्ष मानसून की शुरुआत से पहले आवश्यक वस्तुओं और दवाओं का भंडार करना परंपरा बन गई है क्योंकि बारिश के कारण जलाशयों के भर जाने से ये स्थान जिले के बाकी हिस्सों से चार महीने के लिए कट जाते हैं.

एजेंसी न्यूज Bhasha|
Maharashtra: जलाशयों में पानी भरने से गढ़चिरौली की छह बस्तियों से सड़क संपर्क टूटा
प्रतिकात्मक तस्वीर (Photo Credits ANI)

नागपुर (महाराष्ट्र), 23 जुलाई : महाराष्ट्र के गढ़चिरौली की छह सुदूर बस्तियों में रहने वाले सैकड़ों आदिवासियों के लिए हर वर्ष मानसून की शुरुआत से पहले आवश्यक वस्तुओं और दवाओं का भंडार करना परंपरा बन गई है क्योंकि बारिश के कारण जलाशयों के भर जाने से ये स्थान जिले के बाकी हिस्सों से चार महीने के लिए कट जाते हैं.

महाराष्ट्र-छत्तीसगढ़ सीमा पर स्थित बिनागुंडा, तुरेमार्का, कोवाकोडी, पेरिमिलबट्टी, फोडेवाड़ा और दमनमार्का राज्य के सीमावर्ती गांव हैं. यह भी पढ़ें : Illegal Mining: राजस्थान में अवैध खनन के खिलाफ आत्मदाह करने वाले साधु की मौत, कांग्रेस MLA ने कहा- प्रशासन ने की लापरवाही

इन स्थानों से लगभग 36 किलोमीटर दूर भामरागढ़ तालुका में स्थित एक अधिकारी ने ‘पीटीआई-’ से कहा कि पहाड़ियों से घिरी छह बस्तियां राज्य की सीमा पर सबसे दूरस्थ और अंतिम गांव हैं.

Maharashtra: जलाशयों में पानी भरने से गढ़चिरौली की छह बस्तियों से सड़क संपर्क टूटा

महाराष्ट्र के गढ़चिरौली की छह सुदूर बस्तियों में रहने वाले सैकड़ों आदिवासियों के लिए हर वर्ष मानसून की शुरुआत से पहले आवश्यक वस्तुओं और दवाओं का भंडार करना परंपरा बन गई है क्योंकि बारिश के कारण जलाशयों के भर जाने से ये स्थान जिले के बाकी हिस्सों से चार महीने के लिए कट जाते हैं.

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प्रतिकात्मक तस्वीर (Photo Credits ANI)

नागपुर (महाराष्ट्र), 23 जुलाई : महाराष्ट्र के गढ़चिरौली की छह सुदूर बस्तियों में रहने वाले सैकड़ों आदिवासियों के लिए हर वर्ष मानसून की शुरुआत से पहले आवश्यक वस्तुओं और दवाओं का भंडार करना परंपरा बन गई है क्योंकि बारिश के कारण जलाशयों के भर जाने से ये स्थान जिले के बाकी हिस्सों से चार महीने के लिए कट जाते हैं.

महाराष्ट्र-छत्तीसगढ़ सीमा पर स्थित बिनागुंडा, तुरेमार्का, कोवाकोडी, पेरिमिलबट्टी, फोडेवाड़ा और दमनमार्का राज्य के सीमावर्ती गांव हैं. यह भी पढ़ें : Illegal Mining: राजस्थान में अवैध खनन के खिलाफ आत्मदाह करने वाले साधु की मौत, कांग्रेस MLA ने कहा- प्रशासन ने की लापरवाही

इन स्थानों से लगभग 36 किलोमीटर दूर भामरागढ़ तालुका में स्थित एक अधिकारी ने ‘पीटीआई-’ से कहा कि पहाड़ियों से घिरी छह बस्तियां राज्य की सीमा पर सबसे दूरस्थ और अंतिम गांव हैं.

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प्रतिकात्मक तस्वीर (Photo Credits ANI)

नागपुर (महाराष्ट्र), 23 जुलाई : महाराष्ट्र के गढ़चिरौली की छह सुदूर बस्तियों में रहने वाले सैकड़ों आदिवासियों के लिए हर वर्ष मानसून की शुरुआत से पहले आवश्यक वस्तुओं और दवाओं का भंडार करना परंपरा बन गई है क्योंकि बारिश के कारण जलाशयों के भर जाने से ये स्थान जिले के बाकी हिस्सों से चार महीने के लिए कट जाते हैं.

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