मुंबई, 10 मार्च : महाराष्ट्र सरकार (Government of Maharashtra) स्कूली छात्राओं और स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) की महिलाओं को रियायती दरों पर सैनिटरी नैपकिन उपलब्ध कराने के लिए एक महीने के भीतर योजना शुरू करेगी. राज्य के ग्रामीण विकास मंत्री गिरीश महाजन (Girish Mahajan) ने शुक्रवार को विधानसभा में यह जानकारी दी. महाजन ने प्रश्नकाल के दौरान भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की विधायक नमिता मुंदडा के एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि सरकार स्कूली छात्राओं के लिए आठ सैनिटरी नैपकिन के पैकेट की कीमत एक रुपये निर्धारित करने पर विचार कर रही है. मुंदडा ने कहा कि ग्रामीण छात्राओं को आठ सैनिटरी नैपकिन का पैकेट पांच रुपये में उपलब्ध कराने से जुड़ी अस्मिता योजना 2022 में बंद कर दी गई थी. उन्होंने सरकार से इस योजना को फिर शुरू करने का आग्रह किया.
महाजन ने कहा, “हमने राज्य के बजट में अब इस बाबत 100 करोड़ रुपये की राशि का प्रावधान किया है और हम आठ सैनिटरी नैपकिन के पैकेट की कीमत पांच रुपये से घटाकर एक रुपये करने पर विचार कर रहे हैं. हम शहरी क्षेत्रों में इस योजना के कार्यान्वयन की संभावनाएं तलाश रहे हैं. हम सैनिटरी नैपकिन को आसानी से उपलब्ध कराने की दिशा में भी काम कर रहे हैं.” मंत्री ने कहा कि इस संबंध में एक महीने के भीतर अंतिम निर्णय ले लिया जाएगा. भाजपा सदस्य भारती लावेकर ने लड़कियों और महिलाओं को मुफ्त में सैनिटरी नैपकिन वितरित करने और इन्हें राशन की दुकानों पर उपलब्ध कराने की मांग की. कांग्रेस विधायक एवं राज्य की पूर्व स्कूल शिक्षा मंत्री वर्षा गायकवाड ने कहा कि अस्मिता योजना पंकजा मुंडे के कार्यकाल में बनाई गई थी, जो 2014 से 2019 तक ग्रामीण विकास मंत्री थीं. यह भी पढ़ें : महाराष्ट्र : टायर की दुकान में आग लगने से एक व्यक्ति की मौत, एक अन्य घायल
उन्होंने कहा कि लड़कियों और कम उम्र की महिलाओं की मासिक धर्म स्वच्छता की रक्षा के लिए सभी महिला विधायकों ने इस योजना पर अपनी प्रतिक्रिया दी थी. गायकवाड ने यह बताने की मांग की कि इस योजना को क्यों बंद कर दिया गया और सरकार इसे बेहतर बनाने के लिए क्या कदम उठाने जा रही है. इस पर महाजन ने कहा कि सरकार अस्मिता योजना में सुधार करने को लेकर सकारात्मक है. उन्होंने बताया कि 2018 से 2022 तक 19 लाख स्कूली छात्राएं और एसएचजी की 29 लाख महिलाएं इस योजना से लाभान्वित हुईं. महाजन ने कहा, “इस योजना की अवधि 2022 में समाप्त हो गई. हम स्कूली छात्राओं को आठ सैनिटरी नैपकिन का पैकेट एक रुपये में और एसएचजी की महिलाओं को न्यूनतम दरों पर उपलब्ध कराने की संभावनाएं तलाश रहे हैं.”