देश में हिन्दी में मेडिकल की शिक्षा देने वाला मध्यप्रदेश पहला राज्य बन रहा है: मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान
सीएम शिवराज सिंह चौहान (Photo Credits: Facebook)

भोपाल, 16 अक्टूबर : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा मध्यप्रदेश सरकार की हिन्दी में मेडिकल की पढ़ाई शुरू करने की महत्वाकांक्षी योजना की शुरुआत से एक दिन पहले शनिवार को प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कई छात्र मेडिकल कॉलेज की पढ़ाई छोड़ देते हैं क्योंकि उन्हें अंग्रेजी नहीं आती है. उन्होंने मजाकिया अंदाज में कहा कि डॉक्टर पर्ची के ऊपर ‘आरएक्स’ के स्थान पर 'श्री हरि' लिख सकते हैं और फिर दवाओं आदि की सूची हिंदी में लिख सकते हैं. चौहान ने कहा है कि देश में हिन्दी में मेडिकल की शिक्षा देने वाला मध्यप्रदेश प्रथम राज्य बन रहा है.

शाह रविवार को भोपाल में मोतीलाल नेहरू स्टेडियम में एक कार्यक्रम के दौरान मध्यप्रदेश में हिन्दी में मेडिकल की पढ़ाई की शुरूआत करेंगे. इस मौके पर वह एमबीबीएस प्रथम वर्ष की हिन्दी पुस्तकों का विमोचन भी करेंगे. चौहान ने चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित ‘हिन्दी की व्यापकता एक विमर्श’ कार्यक्रम को यहां संबोधित करते हुए कहा, ‘‘यहां (मध्यप्रदेश में) गांव-गांव में डॉक्टर की जरूरत है, हिंदी में लिखेंगे, इसमें क्या दिक्कत है? दवाई का नाम क्रोसिन लिखना है तो क्रोसिन हिंदी में भी लिखा जा सकता है. उसमें क्या दिक्कत है? ऊपर श्री हरि लिखो...... और क्रोसिन लिख दो. आरएक्स के स्थान पर श्री हरि. यहां डॉक्टर मित्र बैठे हैं वो तरीके निकालेंगे.’’ यह भी पढ़ें : ‘आप’ के नेता अरविंद केजरीवाल, भगवंत मान आज से दो दिवसीय गुजरात दौरे पर रहेंगे

उन्होंने कहा कि मैंने एक बच्चे को इसलिए मेडिकल कॉलेज छोड़ते हुए देखा क्योंकि उसे अंग्रेजी नहीं आती थी. मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘हिन्दी माध्यम की शिक्षा कई विद्यार्थियों के जीवन में नया प्रकाश लेकर आयेगी. हिन्दी में मेडिकल की पढ़ाई के साथ एक नया युग शुरू हो रहा है. यह एक सामाजिक क्रांति है. गरीब परिवार का बेटा भी मेडिकल की पढ़ाई के बारे में सोच सकेगा.’’ चौहान ने कहा कि प्रदेश में मातृ- हिन्दी में अध्ययन और अध्यापन को प्रोत्साहित करने और हिन्दी के लिए गर्व की अनुभूति उत्पन्न कराने के उद्देश्य से पिछले कई वर्षों से गतिविधियां जारी हैं.