अहमदाबाद, 24 मार्च गुजरात में कांग्रेस-आम आदमी पार्टी (आप) गठबंधन आगामी लोकसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के चुनावी वर्चस्व को चुनौती देने की उम्मीद कर रहा है, जबकि सत्तारूढ़ दल को भरोसा है कि विपक्षी गठबंधन उसकी संभावनाओं को प्रभावित नहीं कर पाएगा।
इस बार कांग्रेस-आप गठबंधन का लक्ष्य कड़ी टक्कर देना और भाजपा विरोधी मतों के विभाजन को रोकना है।
साल 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों में, भाजपा ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के गृह राज्य गुजरात की सभी 26 संसदीय सीट पर जीत हासिल की थी। दोनों चुनाव में पार्टी ने 60 प्रतिशत से अधिक वोट हासिल किए थे।
साल 2022 का गुजरात विधानसभा चुनाव कांग्रेस और अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली ‘ आप’ ने अलग-अलग लड़ा, जिसके परिणामस्वरूप विपक्षी मतों का विभाजन हुआ और राज्य की 182 में से 156 सीट पर भाजपा को जीत मिली।
भाजपा को लगभग 51 प्रतिशत वोट मिले, कांग्रेस को 27.5 प्रतिशत वोट और 17 सीट मिलीं, जबकि आप को लगभग 13 प्रतिशत वोट और पांच सीट मिलीं।
प्रदेश कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने स्वीकार किया कि कांग्रेस और ‘आप’ के बीच मतों के बंटवारे के कारण वे 40 से अधिक विधानसभा सीट पर हार गए।
पिछले चार महीने में राज्य में कांग्रेस के चार विधायक और आप के एक विधायक ने इस्तीफा दे दिया है। गुजरात की सभी 26 लोकसभा सीट पर सात मई को एक ही चरण में मतदान होगा और मतगणना चार जून को होगी।
सीट बंटवारे को लेकर बनी सहमति के तहत, कांग्रेस 24 सीट पर चुनाव लड़ेगी जबकि आप दो सीट - भरूच और भावनगर - पर अपने उम्मीदवार उतारेगी। प्रदेश के ‘आप’ नेता मनोज सोराठिया ने कहा, "हमें विश्वास है कि गुजरात में भाजपा के कुशासन को देखते हुए लोग अन्य दलों को मौका देंगे।"
‘आप’ संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने हाल में वडोदरा यात्रा के दौरान लोगों से अपील की थी कि वे इस बार उनकी पार्टी के दो उम्मीदवारों को मौका दें।
केजरीवाल ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा था, "जिन सांसदों को आप यहां से भेजते हैं, वे आपके किसी भी मुद्दे को उठाने में सक्षम नहीं हैं क्योंकि वे सत्ताधारी पार्टी से हैं, वे सिर्फ दिल्ली में (संसद) लोकसभा में जाते हैं, लेकिन आपके मुद्दों को नहीं उठाते। आप के उम्मीदवारों को एक मौका दें और ऐसा कोई दिन नहीं होगा जब गुजरात के मुद्दे दिल्ली में नहीं उठाए जाएंगे।''
गुजरात कांग्रेस भी ‘आप’ के साथ गठबंधन को लेकर उम्मीदें कर रही है।
कांग्रेस प्रवक्ता मनीष दोशी ने कहा, "गठबंधन से भाजपा विरोधी मतों का विभाजन रुकेगा। हम सभी जानते हैं कि 2022 के राज्य विधानसभा चुनावों में आप और कांग्रेस के बीच मतों के विभाजन के कारण कांग्रेस 40 से अधिक सीट पर हार गई थी।"
उन्होंने कहा, "गठबंधन गुजरात में सत्तारूढ़ पार्टी को कड़ी टक्कर देगा। गुजरात एक बहुत ही महत्वपूर्ण राज्य है।"
हालांकि, भाजपा ने विश्वास जताया कि विपक्षी गठबंधन राज्य में पार्टी की चुनावी संभावनाओं को प्रभावित नहीं करेगा।
भाजपा की गुजरात इकाई के अध्यक्ष सी आर पाटिल ने कहा है कि कांग्रेस-आप गठबंधन से उनकी पार्टी की संभावनाओं पर कोई असर नहीं पड़ेगा क्योंकि पिछले कुछ चुनावों में उसे मिलने वाले मतों का प्रतिशत 50 प्रतिशत से अधिक रहा है।
राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि कांग्रेस-आप गठबंधन से मतों का विभाजन जरूर रुकेगा, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी के गृह राज्य में भाजपा को चुनौती देने में नाकाम रहेगा।
राजकोट में रहने वाले राजनीतिक विश्लेषक डॉ. सुरेश समानी ने कहा, "गठबंधन विपक्ष को भाजपा विरोधी मतों को एकजुट करने में मदद करेगा। दोनों दलों के एक साथ आने से निश्चित रूप से भाजपा विरोधी वोट विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन को जाएंगे।"
समानी ने कहा, "हालांकि, राज्य में मोदी फैक्टर सर्वोपरि है। यह प्रधानमंत्री का गृह राज्य है। ऐसा लगता है कि (कांग्रेस-आप) गठबंधन भाजपा के प्रभुत्व को चुनौती नहीं दे पाएगा, जो पिछले दो लोकसभा चुनाव में 60 प्रतिशत से अधिक वोट हासिल कर रही है।”
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