मुंबई, 14 जनवरी : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कोरोना वायरस की स्थिति पर मुख्यमंत्रियों के साथ बातचीत करने के एक दिन बाद, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने शुक्रवार को उन पर कटाक्ष करते हुए कहा कि यह अच्छा था कि इस बार तालाबंदी (लॉकडाउन) की घोषणा नहीं की गई, जैसा कि अतीत में “लोगों को विश्वास में लिये बगैर और बिना किसी विचार के” (लॉकडाउन) लगाया गया था. उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कई नेताओं के पार्टी छोड़ने के बारे में बोलते हुए, राकांपा ने कहा कि वहां भगवा पार्टी का पांच साल का “अहंकार का शासन” इसके लिए जिम्मेदार कारणों में से एक था. मोदी ने बृहस्पतिवार को देश में कोरोना वायरस के ओमीक्रोन स्वरूप के कारण संक्रमण के मामलों में वृद्धि के बीच महामारी की स्थिति पर मुख्यमंत्रियों के साथ एक डिजिटल बातचीत की थी.
इसके बारे में बात करते हुए, राकांपा के मुख्य प्रवक्ता और महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक ने कहा, “लोग डरे हुए थे कि लॉकडाउनक का एक और दौर हो सकता है, लेकिन यह अच्छी बात है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्रियों के साथ बातचीत में स्थानीय स्तर पर मौजूद स्थिति के आधार पर राज्यों से निर्णय लेने के लिए कहा. जब कोई कोविड-19 नहीं था, तो बिना किसी विचार के और लोगों को विश्वास में लिए बिना लॉकडाउन की घोषणा की गई थी.” उन्होंने कहा, “अब कोविड-19 के काफी मामले हैं, लेकिन लोग एहतियात बरत रहे हैं…यह अच्छा है कि लॉकडाउन की घोषणा नहीं की गई.” यह भी पढ़ें : Uttar Pradesh Assembly Elections 2022: जानें सपा में शामिल होने के बाद क्या बोले स्वामी प्रसाद मौर्य और सैनी, अखिलेश भी BJP पर बरसे
विधानसभा चुनावों से पहले उत्तर प्रदेश में भाजपा के कई नेताओं के इस्तीफे देने पर निशाना साधते हुए मलिक ने कहा, “भाजपा के राज्य मंत्रियों और विधायकों का पलायन रुकने वाला नहीं है. पांच साल के लंबे शासन का अहंकार, दूसरों का अपमान करने की चाल, गांवों में भय फैलाना भाजपा के अपने नेताओं को खोने का कारण प्रतीत होता है.” राकांपा नेता ने कहा, “मुझे लगता है कि आने वाले दिनों में भाजपा और नेताओं को खो देगी. ये उत्तर प्रदेश में बदलाव के स्पष्ट संकेत हैं और भाजपा लड़ाई हार रही है.” बीते तीन दिनों के दौरान उत्तर प्रदेश में तीन मंत्रियों समेत आठ भाजपा विधायक इस्तीफा दे चुके हैं.