(दूसरे पैरे में बदलाव के साथ)
मुंबई, नौ अप्रैल कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए देशभर में लगे लॉकडाउन के बीच, उपनगरीय बांद्रा में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने अपने 68 वर्षीय हिंदू पड़ोसी का अंतिम संस्कार करने में मदद की क्योंकि उनके रिश्तेदार लॉकडाउन के कारण उन तक नहीं पहुंच सके।
बांद्रा के गरीब नगर इलाके में रहने वाले प्रेमचंद्र बुद्धलाल महावीर की अर्थी को उनके मुस्लिम पड़ोसी 'राम नाम सत्य है' बोलते हुए श्मशान घाट ले गए।
राजस्थान के एक गरीब परिवार से ताल्लुक रखने वाले महावीर की बीमारी के चलते शुक्रवार रात मृत्यु हो गई।
उनके पुत्र मोहन महावीर ने उसके बाद अपने रिश्तेदारों और दोस्तों को इसकी सूचना दी, लेकिन वे लॉकडाउन के कारण नहीं आ सके।
मोहन महावीर ने पीटीआई से कहा, ‘‘मैं पास के पालघर जिले के नालासोपारा इलाके में रहने वाले अपने दो बड़े भाइयों से संपर्क नहीं कर सका। मैंने राजस्थान में अपने चाचा को पिता के निधन की सूचना दी, लेकिन लॉकडाउन के कारण वे नहीं आ सके।’’
उन्होंने कहा कि बाद में, उनके मुस्लिम पड़ोसी आगे आए और शनिवार को अंतिम संस्कार कराने में मदद की।
उन्होंने कहा, ‘‘मेरे पड़ोसियों ने मृत्यु संबंधी दस्तावेज बनवाने में मदद की और मेरे पिता की अर्थी को श्मशान घाट ले गए। इस स्थिति में मेरी मदद करने के लिए मैं उनका शुक्रगुजार हूं।’’
अंतिम संस्कार में शामिल हुए यूसुफ सिद्दीकी शेख ने कहा, ‘‘हम प्रेमचंद्र महावीर को अच्छी तरह से जानते थे। ऐसे समय में, हमें धर्म की बेड़ियों को तोड़ कर इंसानियत का परिचय देना चाहिए।’’
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