नयी दिल्ली, 17 अप्रैल केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने शुक्रवार को सभी निजी स्कूलों से अपील की कि वे कोरोना वायरस के मद्देनजर लॉकडाउन के दौरान सालाना स्कूल फीस वृद्धि और तीन महीने की फीस एक साथ लेने के निर्णय पर पुनर्विचार करें।
केंद्रीय मंत्री की टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब देश के विभिन्न हिस्सों में अभिभावकों द्वारा बंदी के दौरान कई स्कूलों द्वारा फीस में वृद्धि और तीन महीने के फीस एक साथ देने की मांग पर चिंता व्यक्त की जा रही है ।
निशंक ने कहा, ‘‘ इस वैश्विक आपदा के समय मेरा सभी स्कूलों से निवेदन है कि सालाना स्कूल फीस वृद्धि और तीन महीने की फीस एक साथ नहीं लेने पर सहानुभूति पूर्वक विचार करें।’’
फेसबुक और ट्विटर पर अपने पोस्ट में मानव संसाधन विकास मंत्री ने कहा कि देश भर से कई अभिभावकों द्वारा उनके संज्ञान में यह बात लाई गई है कि इस संकट के समय में भी कई स्कूल अपनी सालाना फीस में वृद्धि और तीन महीने की वर्तमान फीस एक साथ ले रहें हैं ।
उन्होंने कहा, ‘‘ मैं सभी राज्यों के शिक्षा विभागों से यह आशा करता हूँ कि वे संतोषजनक तरीके से अभिभावकों और स्कूलों के हितों के संरक्षण की दिशा में बेहतर सामंजस्य स्थापित कर रहे होंगे।’’
निशंक ने कहा, ‘‘हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस महामारी के समय मानवीय मूल्यों को प्राथमिकता देने का आग्रह किया है। इस परिप्रेक्ष में आशा है कि सभी स्कूल अपने शिक्षकों और पूरे स्टाफ को समय पर वेतन उपलब्ध कराने की चिंता कर रहे होंगे ।’’
केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘ मुझे खुशी है कुछ राज्यों ने इस पर सकारात्मक कदम उठाए हैं। मैं उनकी इस पहल की सराहना करता हूँ एवं आशा करता हूँ कि सभी राज्य उपरोक्त अनुरोध पर सहानुभूति पूर्वक विचार करेंगे ।’’
गौरतलब है कि के दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने शुक्रवार को कहा कि किसी भी निजी स्कूल को कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन के दौरान शुल्क बढ़ाने की अनुमति नहीं है और स्कूल खुलने तक सिर्फ ट्यूशन शुल्क ही वसूला जाए।
दीपक दीपक माधव
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