मुंबई, 26 अगस्त वायदा एवं विकल्प खंड में मासिक निपटान का अंतिम दिन होने और वैश्विक बाजारों के नरम रुख के बीच शेयर बाजार बृहस्पतिवार को लगातार दूसरे दिन मामूली बढ़त के साथ बंद हुए।
तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स कारोबार के दौरान सीमित दायरे में रहा और अंत में यह 4.89 अंक यानी 0.01 प्रतिशत की मामूली बढ़त के साथ 55,949.10 अंक पर बंद हुआ। इसी प्रकार, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 2.25 अंक यानी 0.01 प्रतिशत की हल्की तेजी के साथ नये रिकार्ड स्तर 16,636.90 अंक पर बंद हुआ।
सेंसेक्स के शेयरों में 1.29 प्रतिशत की तेजी के साथ रिलायंस इंडस्ट्रीज सर्वाधिक लाभ वाला शेयर रहा। इसके अलावा, महिंद्रा एंड महिंद्रा, एचसीएल टेक, एक्सिस बैंक, आईसीआईसीआई बैंक तथा एचयूएल और नेस्ले इंडिया में भी प्रमुख रूप से तेजी रही।
दूसरी तरफ, गिरावट वाले शेयरों में भारती एयरटेल, मारुति, पावर ग्रिड, भारतीय स्टेट बैंक, टाटा स्टील, एनटीपीसी और सन फार्मा शामिल हैं। इनमें 4.18 प्रतिशत तक की गिरावट आयी।
आनंद राठी के इक्विटी शोध प्रमुख नरेंद्र सोलंकी ने कहा, ‘‘घरेलू बाजार की शुरूआत स्थिर रही और एशियाई बाजारों से मिली नकारात्मक खबर से कुछ समय के लिये मामूली गिरावट भी आयी। दक्षिण कोरिया के केंद्रीय बैंक ने ब्याज दर में वृद्धि की है। वह पहला विकसित देश है, जिसने महामारी के दौरान यह कदम उठाया है।’’
उन्होंने कहा कि दोपहर कारोबार में कुछ प्रमुख कंपनियों के शेयरों में लिवाली से बाजार में तेजी आने का प्रयास दिखा। जून तिमाही में भारत की आर्थिक वृद्धि दर रिकार्ड ऊंचाई पर रहने की रिपोर्ट से धारणा सकारात्मक रही।
सोलंकी के अनुसार हालांकि कारोबार समाप्त होने से पहले तेजी में कमी आयी और बाजार मामूली बढ़त के साथ बंद हुआ। इसका कारण रेटिंग एजेंसी मूडीज की रिपोर्ट है जिसमें कहा गया है कि कोविड-19 महामारी के कारण बैंकों के लिये खुदरा और एसएमई (लघु एवं मझोले उद्यम) कर्ज खंड में संपत्ति को लेकर जोखिम बढ़ा है।
जुलियस बेयर के कार्यकारी निदेशक मिलिंद मुचाला ने कहा, ‘‘पिछले कुछ दिनों से घरेलू बाजार उच्च स्तर पर स्वयं को सुदृढ़ कर रहा है। वैश्विक स्तर पर खासकर अमेरिकी शेयर बाजारों में सकारात्मक रुख से बाजार को समर्थन मिला...।’’
उन्होंने कहा, ‘‘विदेशी संस्थागत निवेशकों के शुद्ध बिकवाल होने के बावजूद पिछले कुछ दिनों से बाजार में तेजी बनी हुई है। हालांकि, मुख्य सूचकांकों में कुछ हद तक गिरावट का रुख रहा। खासकर मझोली और छोटी कंपनियों के शेयरों से जुड़े सूचकांकों में यह देखने को मिला। जहां कई शेयरों में हाल की तेजी के बाद 10 से 25 प्रतिशत की गिरावट आयी है।’’
खंडवार सूचकांकों में बीएसई एनर्जी, बिजली, तेल एवं गैस, पूंजीगत सामान, दैनिक उपयोग का सामान बनाने वाली कंपनियों (एफएमसीजी) और औद्योगिक सूचकांकों में 1.14 प्रतिशत तक की तेजी रही जबकि दूरसंचार, धातु और प्रौद्योगिकी सूचकांकों में गिरावट रही।
मझोली और छोटी कंपनियों के शेयरों से जुड़े सूचकांक 0.31 प्रतिशत तक मजबूत हुए।
एशिया के अन्य बाजारों में शंघाई, हांगकांग और सियोल नुकसान में रहें जबकि तोक्यो में तेजी रही। यूरोप के प्रमुख बाजारों में भी दोपहर कारोबार में गिरावट का रुख रहा।
इस बीच, अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.60 प्रतिशत की गिरावट के साथ 70.85 डॉलर प्रति बैरल पर बंद हुआ।
अमेरिकी डॉलर के मुकाले रुपया 2 पैसे की हल्की बढ़त के साथ 74.22 पर बंद हुआ।
विदेशी संस्थागत निवेशक शुद्ध रूप से बिकवाली बने हुए हैं। उन्होंने बुधवार को 1,071.83 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे।
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