नयी दिल्ली, छह जनवरी दिल्ली के उपराज्यपाल ने नियामक प्राधिकरणों की मंजूरी के बिना चल रही जमा योजनाओं पर प्रतिबंध लगाने की मंजूरी दे दी है।
राजनिवास ने सोमवार को बयान में कहा कि सरकार द्वारा अधिसूचित नए नियमों के तहत इन योजनाओं पर रोक लगाई जाएगी।
इस कदम का मकसद लोगों को अधिक रिटर्न का वादा करने वाली धोखाधड़ी के इरादे से लाई गई जमा योजनाओं से बचाना है।
उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने ‘‘दिल्ली अनियमित जमा योजना प्रतिबंध नियम, 2024’’ की अधिसूचना को मंजूरी दे दी है, जो लगभग छह साल से लंबित थी।
उपराज्यपाल कार्यालय ने बयान में कहा, ‘‘अधिसूचना यह सुनिश्चित करेगी कि अपराधी धोखाधड़ी वाली योजनाओं का इस्तेमाल असहाय निवासियों से उनकी बचत ठगने के लिए न कर सकें।’’
अनियमित जमा योजना प्रतिबंध अधिनियम, 2019 की धारा 38 के तहत तैयार किए गए नियमों में स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) के लिए विशेष प्रावधान शामिल हैं, जो उन्हें निर्धारित सीमाओं के भीतर काम करने की अनुमति देते हैं।
महिला एवं बाल विकास विभाग की सिफारिशों के आधार पर, स्वयं सहायता समूह पांच लाख रुपये की वार्षिक सीमा के साथ 50,000 रुपये प्रति माह तक जमा एकत्र कर सकते हैं।
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