पुणे, 14 जून : महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजित पवार ने शुक्रवार को स्वीकार किया कि हाल में संपन्न लोकसभा चुनाव में राज्य में सत्तारूढ़ महायुति के खराब प्रदर्शन के कारणों में प्याज के कम दाम समेत इससे जुड़े अन्य मुद्दों को लेकर किसानों में असंतोष का मुद्दा भी शामिल रहा. उन्होंने कहा कि शिवसेना-भाजपा-राकांपा के गठबंधन को नासिक समेत राज्य के प्याज उत्पादन क्षेत्र में किसानों के असंतोष की कीमत चुकानी पड़ी जहां सत्तारूढ़ गठबंधन का प्रदर्शन खराब रहा.
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने भी तीन दिन पहले माना था कि किसानों की नाराजगी महायुति गठबंधन के खराब प्रदर्शन का कारण रही. शिंदे ने कहा था, ‘‘नासिक में हमें प्याज ने रुलाया, मराठवाड़ा और विदर्भ में सोयाबीन और कपास ने रुलाया.’’ अजित पवार ने पुणे में संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि वे प्याज के लिए समर्थन मूल्य की जरूरत के बारे में लगातार बोल रहे हैं और किसानों तथा उपभोक्ताओं, दोनों के हितों का ध्यान रखा जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि महायुति को जलगांव और रावेर को छोड़कर प्याज उत्पादक पट्टी के सभी लोकसभा क्षेत्रों में हार का सामना करना पड़ा. यह भी पढ़ें : कुवैत आग त्रासदी: प्रियजनों के शव वापस आने पर शोक संतप्त परिवार कोच्चि हवाई अड्डे पर एकत्र हुए
खुदरा कीमतों को नियंत्रित करने के लिए केंद्र द्वारा पिछले साल दिसंबर में प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने के कारण किसानों ने, खासकर नासिक क्षेत्र में विरोध प्रदर्शन किया. अंततः मई की शुरुआत में प्रतिबंध हटा लिया गया था. शिवसेना और उसकी सहयोगी भाजपा क्रमश: नासिक और डिंडोरी लोकसभा सीट पर हार गए. गठबंधन को मराठवाड़ा में केवल एक सीट और विदर्भ में केवल दो सीट पर जीत मिली.