रांची/मेदिनीनगर/रामगढ़, 21 नवंबर: लोकआस्था के पर्व छठ के चौथे दिन (शनिवार) को लाखों व्रतियों ने स्वर्णरेखा, दामोदर, कोयल, शंख आदि तमाम प्रमुख नदियों के तट पर 'ऊषा अर्घ्य' (Usha Arghya) देकर उनकी पूजा अर्चना की और अपने परिजनों तथा राज्य के लोगों के कल्याण की कामना की. रांची में बड़ी संख्या में लोगों ने कोविड-19 के नियमों का अनुपालन करते हुए स्वर्ण रेखा एवं हरमू नदी, धुर्वा, कांके, गैतलसूद आदि बांधों तथा विभिन्न तालाबों के किनारे भगवान भास्कर को 'ऊषा अर्घ्य' समर्पित किया. परंपरानुसार छठ व्रती (Chhath Puja) सूप में पूजा सामग्री लेकर नदियों एवं तालाबों के तटों पर पहुंचे और उन्होंने भगवान भास्कर को पूर्ण श्रद्धा के साथ सपरिवार अर्घ्य दिया.
इस मौके पर पलामू जिला प्रशासन ने सुरक्षा एवं चिकित्सा के पुख्ता इंतजाम किए थे. आज देश के कई हिस्सों में 'ऊषा अर्घ्य' अर्पित किया गया. बिहार के श्रद्धालुओं ने छठ पूजा के अंतिम दिन पटना कॉलेज घाट पर ऊषा अर्घ्य' अर्पित की. कोरोना प्रतिबंधों के बीच छठ पूजा के अंतिम दिन श्रद्धालुओं ने अनुष्ठान भी किया. वहीं ओडिशा के भुवनेश्वर में श्रद्धालुओं ने छठ पूजा के अंतिम दिन अपने निवास पर सुबह की पूजा की. गोरखपुर के भक्तों ने छठ पूजा के अंतिम दिन सुबह की प्रार्थना की.
Devotees perform morning rituals on the last day of #ChhathPuja amid COVID-19 restrictions; visuals from Mumbai (pic 1 & 2) and Delhi (pic 3 & 4) pic.twitter.com/l0a1zpUFFH
— ANI (@ANI) November 21, 2020
Bihar: Devotees offer 'Usha Arghya' to the rising sun at Patna College Ghat on the last day of #ChhathPuja today. pic.twitter.com/q6zLXn6r0I
— ANI (@ANI) November 21, 2020
बता दें कि, कल ही स्थानीय स्तर पर लोगों के बीच मुफ्त में मास्क वितरित किए गए थे साथ ही, सामाजिक दूरी को बनाते हुए सूर्योपासना के कार्यक्रम पूर्ण करने के निर्देश दिए गए थे. उपायुक्त शशिरंजन ने बताया कि नदी में केवल वयस्क महिला-पुरुषों को ही उतरने की इजाजत दी गई. इसके अलावा तट के किनारे घेराबंदी करके गहरे पानी में उतरने की मनाही थी. राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू एवं मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्य की जनता को छठ पर्व की शुभकामनाएं देते हुए भगवान सूर्य से राज्य के कल्याण की कामना की है.
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