भोपाल, 26 जनवरी: मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) ने कहा कि कोविड-19 (covid-19) महामारी संकट के दौरान प्रदेश सरकार के कर्मचारियों के वेतन में कटौती का प्रस्ताव मिला था लेकिन उन्होंने इसे मानने से इंकार कर दिया. मध्यप्रदेश के रीवा में मुख्यमंत्री चौहान ने गणतंत्र दिवस समारोह में तिरंगा फहराने के बाद कार्यक्रम को संबोधित करते हुए यह बात कही. मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना वायरस संकट के चलते लगे लॉकडाउन के दौरान अर्थव्यवस्था ढह गई थी, तीन महीने तक सरकारी कोष में पैसा जमा नहीं हुआ. उन्होंने आगे कहा, "ऐसी स्थिति में मुझे (अधिकारियों से) एक प्रस्ताव मिला कि वित्तीय तंगी के कारण कर्मचारियों का वेतन कम किया जाना चाहिए लेकिन मैंने मना कर दिया."
चौहान ने कोरोना वायरस संकट के दौरान लगातार काम करने वाले स्वास्थ्य देखभाल कर्मियों और अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं का भी शुक्रिया अदा किया. उन्होंने कहा, "हमारे पास कोरोना वायरस से लड़ने की व्यवस्था नहीं थी लेकिन सरकार ने इस महामारी को नियंत्रित करने के लिए युद्ध स्तर पर काम किया." मुख्यमंत्री ने प्रदेश की जनता का आभार जताते हुए कहा कि सरकार ने न केवल राज्य में लौटने वाले प्रवासी कामगारों की मदद की बल्कि मध्य प्रदेश से गुजरने वालों की भी मदद दी.
प्रदेश में माफियाओं के खिलाफ सरकार के अभियान के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा, "मुट्ठी भर लोग ही हैं जो विभिन्न क्षेत्रों में बाहुबल का इस्तेमाल कर परेशानी पैदा करते हैं. ऐसे माफिया और अपराधी प्रदेश से उखाड़ दिये जायेगें."
मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश सरकार ने ऐसे लोगों से करीब 8,000 करोड़ रुपये कीमत की जमीन को मुक्त कराया है. सरकार ने चिटफंड कंपनियों से लोगों को 680 करोड़ रुपये वापस दिलवाये हैं. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने मिलावट के लिए सजा का प्रावधान भी छह महीने से बढ़ाकर दस साल कर दिया है. इससे पहले चौहान ने गणतंत्र दिवस परेड का निरीक्षण किया.
वहीं, भोपाल में लाल परेड मैदान में आयोजित गणतंत्र दिवस कार्यक्रम में विधानसभा के सामयिक अध्यक्ष रामेश्वर शर्मा ने तिरंगा फहराया और परेड का निरीक्षण किया. इंदौर में जल संसाधन मंत्री तुलसी राम सिलावट ने एक आधिकारिक समारोह में तिरंगा फहराया. इसके साथ ही प्रदेश में अलग-अलग जिलों में मंत्रियों और अधिकारियों ने तिरंगा फहराया और गणतंत्र दिवस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री का संदेश पढ़कर सुनाया.
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