देश भर में बृहस्पतिवार को कोविड-19 से संक्रमित लोगों की संख्या करीब 2.9 लाख हो गई। एक दिन में रिकॉर्ड दस हजार मामले सामने आने के साथ इस महीने अभी तक संक्रमितों की संख्या करीब एक लाख हो गई है। बहरहाल, सरकार ने कहा कि वायरस संक्रमण सामुदायिक संचरण स्तर पर नहीं पहुंचा है क्योंकि लॉकडाउन और निषिद्ध क्षेत्र जैसे उपायों से इसके तेजी से फैलने पर लगाम लगा।
मरने वालों की संख्या भी एक दिन में रिकॉर्ड 350 होने से कुल मृतकों की संख्या करीब 8500 हो गई है। इनमें से एक-तिहाई लोगों की मौत सिर्फ पिछले 11 दिनों में हुई है। 25 मार्च को लॉकडाउन लगने के बाद एक जून से चरणबद्ध तरीके से इसे खत्म करने की शुरुआत हुई थी।
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चार चरणों में लगे लॉकडाउन में पाबंदियों में कुछ ढील भी दी गई, जबकि कुछ पाबंदियां अब भी जारी हैं जिनमें मेट्रो रेल का संचालन, नियमित अंतरराष्ट्रीय उड़ानों का परिचालन और शिक्षण संस्थान बंद रखना शामिल है। इन्हें चरणबद्ध तरीके से हटाया जाएगा।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सुबह जारी अपडेट में बताया कि कोविड-19 के संक्रमित लोगों की कुल संख्या दो लाख 86 हजार 579 हो गई है। बुधवार की सुबह आठ बजे से पिछले 24 घंटे में कुल मामले 9996 हो गए हैं। मरने वालों की संख्या भी एक दिन में सर्वाधिक 357 होने के साथ अब तक कुल 8102 पर पहुंच गई है।
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बहरहाल, पीटीआई के आंकड़े के मुताबिक कुल संक्रमित लोगों की संख्या 2.89 लाख हो गई है, जबकि रात नौ बजकर 20 मिनट तक मरने वालों की संख्या 8485 हो गई है। पीटीआई ने विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की तरफ से घोषित आंकड़ों के आधार पर यह तालिका तैयार की है।
देश भर में एक जून तक संक्रमित लोगों की संख्या 1.9 लाख थी जबकि उस समय तक मरने वालों की संख्या 5400 थी।
लगातार सात दिनों तक मामलों में 9500 से दस हजार तक बढ़ोतरी हुई, जबकि एक दिन में मरने वालों की संख्या पहली बार 300 से अधिक हुई है।
राहत की बात यह है कि ठीक होने वाले मरीजों की संख्या लगातार दूसरे दिन इलाज करा रहे मरीजों की संख्या से अधिक है। मंत्रालय ने कहा कि बृहस्पतिवार की सुबह आठ बजे तक इलाज कराने वाले लोगों की संख्या एक लाख 37 हजार 448 रही जबकि अभी तक 1.4 लाख लोग इस बीमारी से ठीक हो चुके हैं। ठीक होने की दर 49.2 फीसदी है।
जॉन हॉपकिंस विश्वविद्यालय के आंकड़े के मुताबिक, वर्तमान में अमेरिका, ब्राजील, रूस और ब्रिटेन के बाद भारत कोविड-19 से बुरी तरह प्रभावित पांचवां देश है। लेकिन मामलों की संख्या के लिहाज से भारत का ब्रिटेन के साथ यह अंतर तेजी से कम होता जा रहा है जहां संक्रमण के मामले करीब 2.92 लाख हैं।
पूरी दुनिया में 74 लाख से अधिक लोग कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं, जबकि करीब 35 लाख लोग इस बीमारी से ठीक हो चुके हैं। पूरी दुनिया में करीब 4.2 लाख लोगों की जान इस महामारी के कारण गई है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक जिन देशों में सामुदायिक संचरण हुआ है उनमें अमेरिका, ब्रिटेन, स्पेन, इटली, जर्मनी, तुर्की, फ्रांस, दक्षिण अफ्रीका, ब्राजील, मैक्सिको, कनाडा, स्वीडन, स्विट्जरलैंड, बांग्लादेश, इंडोनेशिया और फिलिपिंस शामिल हैं।
इनमें से कई देशों में संक्रमण के मामले भारत से कम हैं लेकिन यहां ‘सामुदायिक संचरण’ हुए। सामुदायिक संक्रमण एक ऐसा चरण है जहां बड़ी संख्या में सक्रमितों के बारे में यह पता करना मुश्किल हो जाता है कि वे किसके संपर्क में आये थे।
देश में कोविड-19 की स्थिति पर आयोजित संवाददाता सम्मेलन में सरकारी अधिकारियों ने कहा कि भारत में निश्चित तौर पर कोविड-19 का प्रसार सामुदायिक संचरण के स्तर पर नहीं है।
अधिकारियों ने बताया कि कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में भारत ‘‘काफी अच्छा’’ कर रहा है और वह ‘‘इस युद्ध को जीतेगा।’’ उन्होंने कहा कि भारत ने कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए वही सिद्धांत अपनाए जो चीन ने अपनाए थे। हालांकि इसके अनुभव अलग रहे क्योंकि बीमारी यात्रा के माध्यम से आई और कई बिंदुओं पर इसने प्रभावित किया।
चीन में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 83 हजार जबकि मौतों की संख्या 4634 है। चीन में अब 60 से भी कम लोगों का कोविड-19 के लिए उपचार चल रहा है, जबकि शेष लोगों को ठीक होने के बाद अस्तपाल से छुट्टी दी जा चुकी है।
कोविड-19 के प्रसार पर देश के पहले सिरो सर्वेक्षण के परिणामों का हवाला देते हुए भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद् के महानिदेशक बलराम भार्गव ने कहा कि लॉकडाउन और रोकने के अन्य उपायों से संक्रमण को तेजी से फैलने से सफलतापूर्वक रोका जा सका लेकिन बड़ी आबादी अब भी इससे प्रभावित हो सकती है।
उन्होंने कहा कि शहरी क्षेत्रों में रहने वाले लोगों में ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों की तुलना में ज्यादा खतरा है। हालांकि शहरी झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वालों में ज्यादा खतरा है।
सर्वेक्षण में पाया गया कि निषिद्ध क्षेत्रों में संक्रमण की दर ज्यादा है लेकिन मृत्यु दर काफी कम 0.08 फीसदी है।
भार्गव ने कहा कि बड़ी आबादी के इसके चपेट में आने का खतरा है और संक्रमण बढ़ सकता है, इसलिए सामाजिक दूरी का पालन करना, मास्क लगाना, हाथ साफ करने आदि उपायों का सख्ती से पालन किया जाना चाहिए।
भार्गव ने बताया कि शहर की झुग्गी-झोपड़ी के क्षेत्र संक्रमण के प्रसार के लिए बेहद संवेदनशील हैं और लिहाजा स्थानीय लॉकडाउन को जारी रखने की जरूरत है।
उन्होंने बताया कि उम्रदराज, 10 साल के कम उम्र के बच्चे, पहले से ही किसी बीमारी से पीड़ित, गर्भवती महिलाएं भी उच्च खतरे वाली श्रेणी में आती हैं।
इस बीच, कई राज्यों ने संक्रमण के प्रसार को रोकने और स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत करने के लिए प्रयास तेज कर दिए। वहीं कई विशेषज्ञों ने लॉकडाउन के खिलाफ चेताया है, क्योंकि इससे अर्थव्यवस्था पर असर पड़ता है और नौकरियों का परिदृश्य खराब होता है।
इंडियन सोसाइटी ऑफ लेबर इकोनॉमिक्स का सर्वेक्षण बताता है कि कोविड-19 संकट का नौकरियां जाना सबसे तत्काल प्रभाव है जबकि अर्थव्यवस्था की वृद्धि कम होती है और असमानता का बढ़ना दीर्घकालिक प्रभाव होगा।
उत्तर प्रदेश, दिल्ली एवं तेलंगाना ने भारतीय रेलवे से पृथक डिब्बों के लिए कहा है। शकूर बस्ती रेलवे स्टेशन पर ऐसा पहला कोविड-19 देखभाल केंद्र तैनात किया गया है। इसमें 10 डिब्बों में 160 बेड हैं
स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के मुताबिक, कोचों का इस्तेमाल बहुत हल्के लक्षण वाले मामलों में किया जा सकता है।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि राज्य सरकार ने कम वक्त में कोविड-19 के मरीजों के इलाज के लिए पर्याप्त संख्या में स्वास्थ्य देखभाल केंद्र स्थापित करने में सफलता हासिल की है।
महाराष्ट्र में मुंबई के धारावी झुग्गी बस्ती क्षेत्र में कोरोना वायरस के 20 नए मामले आने के बाद कुल मामलों की संख्या दो हजार हो गई है। मृतकों की संख्या बढ़कर 75 हो गई है।
मुंबई में कोरोना वायरस के 1540 नए मरीज सामने आने के बाद कुल मामले 53,985 हो गए हैं, जबकि 97 और मरीजों की मौत के बाद मृतकों की संख्या 1,952 हो गई है। कुल मिला कर महाराष्ट्र में 3,607 नए मामले सामने आए। इसके बाद राज्य में कोरोना वायरस से संक्रमित हुए लोगों की संख्या 97,648 हो गई है। वहीं 152 और मरीजों के दम तोड़ने के बाद मृतकों का आंकड़ा 3,590 हो गया है।
गुजरात में पिछले 24 घंटे में 513 नए मरीज आने के बाद कुल मामले 22,067 हो गए हैं। स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि मृतकों की संख्या बढ़कर 1385 हो गई है।
दिल्ली में एक दिन में सबसे ज्यादा 1,877 नए मरीज आने के बाद कुल मामले 34,000 के पार चले गए, जबकि मृतकों की संख्या 1,085 हो गई है।
राष्ट्रीय राजधानी स्थित ऐतिहासिक शाही जामा मस्जिद को तत्काल प्रभाव से 30 जून तक के लिए बंद कर दिया गया है। मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी ने इस बाबत ऐलान किया। उनके सचिव अमानुल्लाह का मंगलवार रात कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण मौत हो गयी।
अधिकारियों ने बताया कि राष्ट्रीय राजधानी स्थित रेल भवन में रेलवे के दो अफसरों के भी जान लेवा विषाणु से पीड़ित होने की पुष्टि हुई है। इमारत में अबतक सामने आए मामलों की संख्या 18 हो गई है।
ओडिशा में 136 और लोग कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं। इनमें आपदा मोचन बल के 54 कर्मी शामिल हैं जो पश्चिम बंगाल में अम्फान तूफान से मची तबाही के बाद वहां राहत कार्य के लिए गए थे। ओडिशा में कुल मामले 3,386 हो गए हैं।
उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस ने 24 और मरीजों की जान ले ली और 478 नए रोगियों की पुष्टि हुई। यह दोनों संख्याएं अबतक एक दिन में सबसे ज्यादा है। राज्य में मृतकों की संख्या 345 हो गई है जबकि कुल मामले 12,088 हो गए हैं।
तमिलनाडु में 1875 नए मामले आए और 23 लोगों की मौत हुई। वहीं केरल में 83 नए मरीजों का पता चला और एक व्यक्ति ने संक्रमण की वजह से दम तोड़ दिया।
केरल सरकार ने कोविड-19 से संबंधित पृथक वास के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं और निषिद्ध क्षेत्र घोषित करने नियमों को पुनः परिभाषित किया है। आने वाले दिनों में राज्य में और लोगों के आने की संभावना है।
मुख्यमंत्री पी विजयन ने विशेषज्ञों के हवाले से कहा कि वायरस जल्द खत्म नहीं होगा और यह अनुमान लगाना कठिन है कि इसके प्रसार की तीव्रता कब घटेगी।
कोरोना वायरस के नए मामले पुडुचेरी, गोवा, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, पंजाब, हरियाणास जम्मू-कश्मीर, ओडिशा, असम, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, नगालैंड, मिजोरम, मणिपुर और अन्य राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों से भी आए हैं।
अंडमान और निकोबार से तीन नए मामले रिपोर्ट हुए हैं। यहां करीब एक महीने तक संक्रमण मुक्त रहने के बाद वायरस फिर से फैलता दिख रहा है।
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