नयी दिल्ली, तीन नवंबर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि तीन अक्टूबर और तीन नवंबर के बीच केरल, दिल्ली, पश्चिम बंगाल और मणिपुर में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले बढ़े हैं। इसी अवधि में महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु और उत्तरप्रदेश ऐसे शीर्ष राज्यों में रहे जहां कोविड-19 के मामलों में गिरावट दर्ज की गयी।
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पिछले सात हफ्ते से रोजाना कोविड-19 के औसतन मामलों और मौत की संख्या में गिरावट आने का सिलसिला लगातार जारी है। इस कारण से स्वास्थ्य तंत्र पर अनावश्यक बोझ नहीं पड़ा है और अस्पतालों पर दबाव कम हुआ है।
यह भी पढ़े | कोरोना के दिल्ली में आज 6725 नए केस, 48 की मौत: 3 नवंबर 2020 की बड़ी खबरें और मुख्य समाचार LIVE.
उन्होंने कहा कि 16 सितंबर से 22 सितंबर के बीच रोजाना औसतन 90,346 मामले आए जबकि 28 अक्टूबर और तीन नवंबर के बीच औसतन 45,884 मामले आए।
उन्होंने बताया, ‘‘16 सितंबर से 22 सितंबर के बीच औसतन हर दिन 1165 लोगों की मौत हुई जबकि 28 अक्टूबर और तीन नवंबर के बीच 513 मौतें हुईं।’’
स्वास्थ्य सचिव ने कहा, ‘‘कोविड-19 के 11 करोड़ से ज्यादा नमूने की जांच हो चुकी है। संक्रमण दर में भी गिरावट आना जारी है। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘संक्रमण की संख्या में गिरावट के बावजूद हमें जांच, संपर्क का पता लगाने और उपचार को लेकर नीति को जोर-शोर से बरकरार रखने की जरूरत है।’’
एक निजी प्रयोगशाला ने आरोप लगाया था कि कुछ जिलों में सरकारी अधिकारी मामलों को कम दिखाने के लिए जांच को सीमित करने का प्रयास कर रहे हैं । इन आरोपों को खारिज करते हुए भूषण ने कहा कि जांच की संख्या में कमी नहीं आयी है ।
उन्होंने कहा मंगलवार को कुल 10,46,247 जांच के साथ निजी प्रयोगशाला द्वारा 1.5 लाख से ज्यादा जांच की गयी। पिछले छह-सात हफ्ते से देश में रोज करीब 11 लाख जांच की जा रही है। भारत के पास रोजाना 15 लाख से ज्यादा जांच करने की क्षमता है।
नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) और कोविड-19 पर राष्ट्रीय कार्यबल के प्रमुख वी के पॉल ने कहा कि देश की आबादी के बड़े हिस्से के संक्रमित होने का खतरा अभी भी बना हुआ है। ऐसे में लोगों को संक्रमण से बचाव के लिए उचित व्यवहार अपनाने पर जोर देना चाहिए और किसी तरह का भी लक्षण नजर आने पर जांच करानी चाहिए।
राष्ट्रीय राजधानी में वेंटिलेटर की कमी से जुड़े एक सवाल पर भूषण ने कहा कि केंद्रीय अस्पतालों में बेड की रोजाना समीक्षा की जाती है।
उन्होंने कहा कि आज की तारीख में राममनोहर लोहिया अस्पताल में 80 बेड, सफदरजंग अस्पताल में 140 बेड और एम्स में 1200 से ज्यादा बेड खाली हैं।
स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि निजी अस्पतालों के संबंध में भी रणनीति को दिल्ली सरकार ने लागू किया है। इसके तहत कोविड-19 के कुल बेड और रिक्त बेड की संख्या सार्वजनिक की जाती है।
उन्होंने कहा, ‘‘जहां तक वेंटिलेटर की बात है, हमने दिल्ली में पर्याप्त संख्या में वेंटिलेटर मुहैया कराए हैं। अगर भविष्य में किसी प्रकार की मांग आती है तो हम अतिरिक्त वेंटिलेटर भी मुहैया कराने की स्थिति में होंगे।’’
भूषण ने कहा कि तीन अक्टूबर से तीन नवंबर के बीच पश्चिम बंगाल में उपचाराधीन मरीजों की संख्या 26,865 से बढ़कर 36,576, केरल में 77564 से बढ़कर 86,792, दिल्ली में 26,450 से बढ़कर 33,308 और मणिपुर में 2336 से बढ़कर 3568 हो गयी।
त्योहार के दौरान संक्रमण के मामलों में बढोतरी से बचने के लिए आईसीएमआर के महानिदेशक बलराम भार्गव ने लोगों से कोविड-19 के संबंध में नियमों का पालन करने का अनुरोध किया। उन्होंने मास्क पहनने, उचित दूरी बनाए रखने, लगातार हाथ की सफाई करने पर जोर दिया।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)