किपचोगे ने उमस भरे मौसम में सापोरो की सड़कों पर दौड़ते हुए दो घंटे, आठ मिनट, 38 सेकेंड में दौड़ पूरी करके स्वर्ण पदक जीता. वह नीदरलैंड के रजत पदक विजेता अब्दी नगीये से 80 सेकेंड से भी अधिक समय आगे रहे. बेल्जियम के बाशिर अब्दी ने कांस्य पदक जीता.
इस प्रतियोगिता के साथ तोक्यो खेलों की ट्रैक एवं फील्ड स्पर्धाओं का भी समापन हुआ. किपचोगे ओलंपिक की पुरुष मैराथन में एक से अधिक स्वर्ण पदक जीतने वाले तीसरे धावक बन गये हैं. इससे पहले अबेदे बिकिला (1960 और 1964) और वाल्देमर सीरपिन्स्की (1976 और 1980) ने यह कारनामा किया था. यह भी पढ़ें : Ind vs Eng 1st Test Day 4: भारत बनाम इंग्लैंड टेस्ट मुकाबले के चौथे दिन ये बनें प्रमुख रिकॉर्ड
किपचोग ने 30 किमी के आसपास से अपनी गति बढ़ायी और फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा. जब उन्होंने दौड़ समाप्त की तो उनके आसपास कोई दूसरा धावक नहीं था.