देश की खबरें | केरी को ट्रंप प्रशासन से कई कार्यकारी आदेशों की उम्मीद

नयी दिल्ली, 16 नवंबर अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी ने शनिवार को कहा कि अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कार्यभार संभालने के पहले दिन ही कई कार्यकारी आदेश जारी कर सकते हैं। केरी ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि इनमें से कोई भी समझौता पेरिस समझौते से बाहर निकलने के बारे में नहीं होगा।

केरी ने यहां एचटी लीडरशिप समिट 2024 में एक संवाद सत्र के दौरान यह भी कहा कि किसी समस्या को सुलझाने के लिए कूटनीति में परिपक्वता की आवश्यकता होती है और परिस्थितियों को देखते हुए उनका मानना ​​है कि यूक्रेन एक ऐसा स्थान है जहां ‘‘चीजें परिपक्व हैं।’’

जनवरी में शपथग्रहण समारोह के बाद ट्रंप (78) दूसरी बार व्हाइट हाउस लौटेंगे। हाल में हुए राष्ट्रपति चुनाव में उन्होंने शानदार जीत दर्ज की, जिसने अमेरिकी इतिहास में एक असाधारण राजनीतिक वापसी का मार्ग प्रशस्त किया।

केरी ने कहा, ‘‘सबसे पहले, मुझे लगता है कि दुनिया में हर कोई यह जान चुका है कि राष्ट्रपति ट्रंप के बारे में कुछ भी भविष्यवाणी करना बहुत कठिन है। यह निश्चित रूप से जानने का कोई तरीका नहीं है कि वास्तव में क्या होगा। और यह अनिश्चितता कुछ ऐसी चीज है जिसे वह वास्तव में तैयार करते हैं और खुद ही इसकी सराहना करते हैं।’’

वह अमेरिका में भारत के पूर्व राजदूत नवतेज सिंह सरना के साथ बातचीत कर रहे थे।

सरना ने केरी से पूछा कि उनका इस बारे में क्या अनुमान है कि राष्ट्रपति पद संभालने के बाद ट्रंप की तत्काल प्राथमिकताएं क्या होंगी, जो उनके अभियानों से अलग होंगी, और वह किन चीजों के लिए प्रयास करेंगे।

केरी ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि यह स्पष्ट है कि वह कुछ चीजों को बदलने की कोशिश करेंगे। आप देखेंगे कि पहले दिन ही कई कार्यकारी आदेश जारी किए जाएंगे। मुझे उम्मीद है कि उन आदेशों में पेरिस समझौते से बाहर निकलने की बात शामिल नहीं होगी, लेकिन शायद ऐसा होगा।’’

पूर्व अमेरिकी विदेश मंत्री की टिप्पणी ऐसे समय आई है जब 2024 का संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन या सीओपी29 अजरबैजान के बाकू में जारी है।

जून 2017 में ट्रंप ने अपने पहले कार्यकाल के दौरान जलवायु परिवर्तन पर पेरिस समझौते से अमेरिका के अलग होने तथा समझौते पर पुनः चर्चा करने के निर्णय की घोषणा की थी। इस समझौते पर उनसे पहले बराक ओबामा सरकार के दौरान 190 से अधिक देशों ने सहमति व्यक्त की थी।

ट्रंप ने तर्क दिया था कि चीन और भारत जैसे देश पेरिस समझौते से सबसे अधिक लाभान्वित हो रहे हैं तथा यह अमेरिका के लिए ठीक नहीं है, क्योंकि इससे उसके कारोबार और नौकरियों पर बुरा असर पड़ा है।

अमेरिका 2020 में इस समझौते से औपचारिक रूप से अलग हो गया था। हालाँकि, जनवरी 2021 में, अपने कार्यकाल के पहले दिन, राष्ट्रपति जो बाइडन ने अमेरिका को पेरिस समझौते में पुन: वापस लाने के लिए हस्ताक्षर किए।

बाइडन ने केरी को जलवायु मामलों के लिए अपना विशेष दूत भी नियुक्त किया था।

पेरिस समझौते का उद्देश्य वैश्विक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में पर्याप्त कमी लाना है, ताकि वैश्विक तापमान वृद्धि को 2 डिग्री सेल्सियस से नीचे रखा जा सके तथा इसे पूर्व-औद्योगिक स्तर (1850-1900 की आधार रेखा के साथ) से 1.5 डिग्री सेल्सियस ऊपर सीमित रखने के प्रयास किए जा सकें।

केरी ने कहा कि ट्रंप जनवरी में शपथग्रहण समारोह आयोजित होने तथा अपने द्वारा कई नियुक्तियों के लिए नामों की घोषणा करने के बाद ‘‘पहले दिन ही कुछ न कुछ करेंगे।’’

उन्होंने कहा कि ट्रंप के पास अन्य कार्यकारी आदेश होंगे जो संभवतः उनके निर्वासन संबंधी वादों और आव्रजन संबंधी विषयों पर केंद्रित होंगे, लेकिन ‘‘वे कुछ प्रमुख मुद्दों को लेंगे तथा उन्हें तुरंत सामने रखने का प्रयास करेंगे।’’

हालांकि, केरी ने कहा कि अमेरिकी कांग्रेस इन नियुक्तियों पर सावधानीपूर्वक काम करेगी, क्योंकि इनमें से कई में परेशान करने वाले पहलू हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन मैं सकारात्मक पक्ष भी सोचता हूं....मुझे लगता है कि राष्ट्रपति ट्रंप, अपनी परिस्थितियों के कारण...आप कूटनीति से जानते हैं, कूटनीति में किसी समस्या को हल करने के लिए परिपक्वता की आवश्यकता होती है।’’

केरी ने कहा कि उन्होंने विदेश मंत्री के रूप में चार वर्षों तक कड़ी मेहनत की और यह परखने की कोशिश की कि ‘‘क्या हम पश्चिम एशिया में इस प्रक्रिया को आगे बढ़ा सकते हैं’’।

उन्होंने याद किया, ‘‘और अंत में, दोनों नेता - (फलस्तीनी) राष्ट्रपति (महमूद) अब्बास और (इज़राइली) प्रधानमंत्री (बेंजामिन) नेतन्याहू - इसे करने के लिए तैयार नहीं थे, वे इच्छुक नहीं थे... इसलिए यह परिपक्वता वाली स्थिति नहीं थी। और ऐसे बहुत से स्थान हैं जहां चीजें परिपक्व नहीं हैं।’’

केरी ने कहा, ‘‘लेकिन मेरा मानना ​​है कि यूक्रेन एक ऐसा स्थान है जहां चीजें परिपक्व हैं।’’

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