नयी दिल्ली, 16 नवंबर समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शनिवार को “बंटेंगे तो काटेंगे” नारे को अंग्रेजों की “फूट डालो और राज करो” नीति के समान बताया और कहा कि इस तरह के “नकारात्मक” नारों को जनता नकार देगी।
अखिलेश ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) “डबल इंजन” की बात करती थी, लेकिन अब उत्तर प्रदेश में उसके इंजन “टकरा” रहे हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश में नौ विधानसभा सीट पर उपचुनाव की तारीख 13 नवंबर से बदलकर 20 नवंबर इसलिए कर दी गई, क्योंकि भाजपा जानती थी कि उसे हार का सामना करना पड़ेगा।
अखिलेश ने ‘हिंदुस्तान टाइम्स लीडरशिप समिट’ में कहा कि उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ-नीत सरकार ने राज्य में बुनियादी ढांचे और स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए बहुत कम काम किया है।
उन्होंने दावा किया कि युवा उत्तर प्रदेश सरकार से नाराज हैं, क्योंकि उसने बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर ध्यान नहीं दिया और प्रवेश परीक्षाएं ठीक से आयोजित करने में नाकाम रही।
अखिलेश ने कहा कि भाजपा के स्टार प्रचारक योगी का दिया “बंटेंगे तो कटेंगे” नारा “नकारात्मक” है और लोग इसे नकार देंगे। उन्होंने कहा कि भाजपा के सहयोगी दलों ने भी ऐसे नारे दिए हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपनी चुनावी रैलियों में “एक हैं तो सेफ हैं” नारे का इस्तेमाल कर रहे हैं।
विपक्षी दलों का कहना है कि “बंटेंगे तो कटेंगे” नारा सांप्रदायिक रंग लिए हुए है।
अखिलेश ने एक सवाल के जवाब में महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में विपक्षी गठबंधन महा विकास आघाडी (एमवीए) की जीत का भरोसा जताया।
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