बेंगलुरु, छह जून केरला ब्लास्टर्स ने इंडियन सुपर लीग के पिछले सत्र में प्लेऑफ से बाहर होने के बाद क्लब पर लगाए गए प्रतिबंधों से उत्पन्न ‘वित्तीय संकट’ के कारण मंगलवार को अपनी महिला टीम के कामकाज को अस्थायी रूप से बंद कर दिया. क्लब के इस फैसले को देश में महिलाओं के खेल के लिए एक झटके के तौर पर देखा जा रहा है. अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) ने तीन मार्च को बेंगलुरू एफसी के खिलाफ मैच से बाहर होने के बाद ब्लास्टर्स पर चार करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था. टीम ने दिग्गज भारतीय खिलाड़ी सुनील छेत्री के फ्री किक का विरोध करते हुए मैदान छोड़ दिया था. यह भी पढ़ें: कोल्हापुर के छत्रपति शिवाजी स्टेडियम में दो टीमों के फुटबॉल खिलाड़ियों के बीच जमकर लड़ाई, देखें वायरल वीडियो
केरल ब्लास्टर्स ने मंगलवार को जारी बयान में कहा, ‘‘ हमें भारी मन से यह बताना पड़ रहा है कि हम अपनी महिला टीम के कामकाज को अस्थायी रूप से रोक रहे है. हमें फुटबॉल महासंघ के द्वारा हमारे क्लब पर हाल ही में लगाए गए वित्तीय प्रतिबंधों के कारण यह निर्णय लेना पड़ रहा है.’’
भारतीय टीम की गोलकीपर अदिति चौहान और कप्तान आशालता देवी ने पुरुष खिलाड़ियों के बर्ताव पर महिला टीम को सजा देने पर सवाल उठाये.
अदिति ने ट्वीट किया, ‘‘ पुरुषों की टीम के कारण क्लब पर जुर्माना लगता है और महिला टीम के बजट को बंद करके उनके लिए पैसा जुटाया जाता है? बढ़िया, ऐसे ही भारत में महिला फुटबॉल का विकास होगा.’’
अदिति के इस ट्वीट आशालता ने प्रतिक्रिया देते हुए लिखा, ‘‘ ‘‘भयानक’’.
क्लब ने हालांकि कहा, ‘‘ यह बताना जरूरी है कि महिला टीम के कामकाज को रोकने का फैसला अस्थायी है. इस मामले को पूरी तरह से निपटाने के बाद हम अपनी महिला टीम को बहाल करेंगे.’’
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)