हैदराबाद, 29 अक्टूबर केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को टेक्सटाइल (कपड़ा), चमड़ा और डिजाइन क्षेत्र के छात्रों से कहा कि वे अपने डिजाइन तैयार करते हुए देश की उस समृद्ध विरासत को ध्यान में रखें जिसे ना सिर्फ बड़े पैमाने पर पसंद किया जाता है बल्कि वह संवहनीय भी है।
एनआईएफटी जैसे संस्थानों के छात्रों से बातचीत में उन्होंने देश के जुलाहों/बुनकरों द्वारा अलग-अलग तरह की सामग्री और कपड़े का उपयोग करके बनाए जाने वाले डिजाइनों की पारंपरिक सुन्दरता और विविधता का भी जिक्र किया।
सीतारमण ने कहा कि इसलिए डिजाइन के छात्रों... फिर चाहे वे कपड़ा उद्योग के हों या चमड़ा उद्योग के... से मेरा विनम्र निवेदन है कि हम उस समृद्धि को देखें जो भारतीय परंपरा ने हमारे जीवन के हर क्षेत्र में टिकाऊ सामग्री का उपयोग कर शानदार वहनीय डिजाइन के साथ प्रदान की है।
उन्होंने कहा, ‘‘जो लोग भी डिजाइन के क्षेत्र में आगे बढ़ना चाहते हैं, उन्हें भारत में विभिन्न वहनीय तरीकों से तैयार की जाने वाली डिजाइनों के बारे में जानना चाहिए और उनका उपयोग करना चाहिए। उन्हें नयी सामग्री की खोज पर इसे तरजीह देनी चाहिए।’’
लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन को याद किया जिसमें उन्होंने 2047 तक भारत को विकसित देश बनाने के लिए पांच प्रण लिए।
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