Sex Tape case: अपने विरूद्ध किसी भी ‘मानहानिकारक’ या ‘अपुष्ट’ चीजें प्रकाशित या प्रसारित करने से मीडिया को रोकने के लिए अदालत का रूख कर चुके कर्नाटक के कुछ मंत्रियों ने शनिवार को कहा कि उनके विरूद्ध ‘बड़ी राजनीतिक साजिश’ के खिलाफ यह एक एहतियाती उपाय है. उन्होंने यह भी संकेत दिया कि अन्य मंत्री भी ऐसा कर सकते हैं मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार (BJP Govt) के छह मंत्रियों ने स्थगन आदेश का अनुरोध करते हुए अतिरिक्त शहर दिवानी एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत का दरवाजा खटखटाया. आदेश आज आने की संभावना है.
इन मंत्रियों में श्रम मंत्री शिवराम हेब्बार, कृषि मंत्री बी सी पाटिल, सहकारिता मंत्री एस टी सोमशेखर, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण एवं मेडिकल शिक्षा मंत्री के सुधाकर, युवा सशक्तिकरण एवं खेल मंत्री के सी नारायण गौड़ा और शहरी विकास मंत्री भायरथी बासवराज शामिल हैं. स्वास्थ्य मंत्री ने दावा किया कि ऐसा जान पड़ता है कि मीडिया का दुरूपयोग करके उन्हें बदनाम करने की बहुत बड़ी साजिश रची जा रही है, इसलिए उन्होंने बदनाम करने के अभियान को रोकने के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया है।उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा कि व्यक्तियों की छवि खराब करने और सालों की मेहनत से उनके प्रति बने सद्भाव को बिगाड़ने की साजिश है, ऐसे में उस पर विराम लगाना जरूरी है तथा सरकार भी इस प्रकार की शरारत को रोकने के लिए कानून लाने पर गौर कर रही है. यह भी पढ़े: Sex Tape Scandal: सेक्स स्कैंडल में फंसे कर्नाटक के मंत्री रमेश जारकीहोली ने पद से दिया इस्तीफा, बोले- मुझ पर लगे आरोप झूठे हैं
उनके अनुसार मुख्य धारा की मीडिया एवं सोशल मीडिया दोनों का ही मिथ्या प्रचार एवं फर्जी खबरों के लिए दुरूपयोग किया जा रहा है. सोमशेखर ने कहा कि उन्हें विधानसभा में अपने पुराने मित्रों से पता चला है कि उन्हें बदनाम करने और इस्तीफा दिलवाने की मंशा से साजिश रची जा रही है।
उन्होंने कहा, ‘‘ हमें बदनाम करने की मंशा से विधानसभा सत्र में हमें निशाना बनाये जाने की साजिश हैं, इसलिए हम अदालत गये हैं। छह लोग अदालत का रूख कर चुके हैं तथा छह और लोग ऐसा कर सकते हैं...हम मुख्यमंत्री और पार्टी अध्यक्ष को भी सारी बात की जानकारी देंगे.
ये छह मंत्री उन 17 विधायकों में से हैं जिन्होंने कांग्रेस - जद (एस) गठबंधन सरकार के खिलाफ विद्रोह किया था जिससे जुलाई, 2019 में वह सरकार गिर गयी थी. फिर भाजपा सत्ता में आयी
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