गांदेरबल (जम्मू-कश्मीर), 14 दिसंबर नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने मंगलवार को आरोप लगाया कि जम्मू-कश्मीर का मौजूदा प्रशासन हालात को काबू करने और लोगों को सुरक्षा की भावना मुहैया कराने में ‘‘पूरी तरह असफल’’ रहा है।
आतंकवादियों ने संसद पर हुए हमले की 20वीं बरसी पर सोमवार को श्रीनगर के बाहरी हिस्से में जम्मू-कश्मीर पुलिस की बस पर गोलीबारी की थी जिसमें दो पुलिसकर्मियों की मौत हो गई और 12 अन्य घायल हो गए। इस हमले के एक दिन बाद अब्दुल्ला ने यह बयान दिया।
पूर्ववर्ती जम्मू कश्मीर राज्य के मुख्यमंत्री रहे अब्दुल्ला ने यहां मध्य कश्मीर जिले में पार्टी के एक सम्मेलन को संबोधित करने के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह (हमला) मौजूदा हालात की ओर एक और संकेत है। वास्तविकता यह है कि मौजूदा प्रशासन हालात को काबू करने और लोगों में सुरक्षा की भावना पैदा करने में पूरी तरह असफल रहा है।’’
अब्दुल्ला ने कहा कि कश्मीर घाटी में दिन-दिहाड़े हमले हो रहे हैं और उनके शासनकाल में जिन इलाकों को आतंकवाद से मुक्त बनाया गया था, वहां फिर से आतंकवादी गतिविधियां हो रही हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘मेरे शासनकाल में हम सुरक्षा हालात को लेकर इतना सहज महसूस करने लगे थे कि हमने कई स्थानों से बंकर हटा दिए थे, लेकिन आज की वास्तविकता यह है कि इन इलाकों में न केवल बंकर बनाए गए हैं, बल्कि अब अतिरिक्त बंकर भी हैं।’’
अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘हमने सुरक्षा बलों की मौजूदगी को कम किया था, लेकिन आज अतिरिक्त बल तैनात हैं और हमारे कार्यकाल में बनाए गए सामुदायिक सभागारों जैसे स्थानों पर अतिरिक्त बलों को तैनात किया जा रहा है। भले ही विकास की बात हो या सुरक्षा स्थिति की बात हो, मौजूदा सरकार पूरी तरह असफल रही है।’’
पार्टी द्वारा आयोजित किए जा रहे सम्मेलनों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘यह कोई चुनावी रैली नहीं है। यह हमारे कार्यकर्ताओं से जुड़ने, उनकी बात सुनने और उनसे संवाद करने का हमारा अपना तरीका है। इन सम्मेलनों के पीछे हमारा मकसद यही है और इन्हें चुनावों से नहीं जोड़ा जाना चाहिए।’’
यह पूछे जाने पर कि क्या वह गांदेरबल से चुनाव लड़ेंगे, अब्दुल्ला ने कहा कि वह यहां किसी का ‘‘जनादेश काटने या किसी को जनादेश देने नहीं’’ आए हैं।
अब्दुल्ला ने इससे पहले पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि भाजपा ने दुनिया भर में कहा था कि संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने के बाद कश्मीर में बंदूकें शांत हो जाएंगी, लेकिन इसके बावजूद हिंसा जारी है।
उन्होंने कहा कि भाजपा ने दावा किया था कि कश्मीर में अनुच्छेद 370 के कारण लोगों में गुस्सा है और जब इसे समाप्त कर दिया जाएगा, तो अलगाववादी विचारधारा भी समाप्त हो जाएगी।
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