नयी दिल्ली, सात अक्टूबर देश की सबसे बड़ी दूरसंचार सेवा प्रदाता रिलायंस जियो ने दूरसंचार नियामक ट्राई से उपग्रह-आधारित संचार के लिए स्पेक्ट्रम आवंटन पर संशोधित परामर्श पत्र लाने का आग्रह किया है।
कंपनी ने आरोप लगाया है कि ट्राई के मौजूदा परामर्श पत्र में उपग्रह और स्थलीय दूरसंचार सेवाओं के बीच समान अवसर सुनिश्चित करने के अहम पहलू की अनदेखी की गई है।
रिलायंस जियो ने भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के प्रमुख अनिल कुमार लाहोटी को लिखे एक पत्र में ये मुद्दे उठाए हैं। कंपनी ने ‘‘उपग्रह-आधारित वाणिज्यिक संचार सेवाओं के लिए स्पेक्ट्रम आवंटन के नियम एवं शर्तों’’ से संबंधित परामर्श पत्र में संशोधन की मांग की है।
दूरसंचार कंपनी ने चार अक्टूबर को लिखे इस पत्र में कहा है कि ट्राई के परामर्श पत्र में उपग्रह-आधारित और स्थलीय पहुंच-आधारित सेवाओं के बीच समान अवसर सुनिश्चित करने के महत्वपूर्ण मुद्दे को पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया गया है।
जियो ने कहा कि इस बिंदु पर चूक होने से दूरसंचार हितधारक ट्राई को प्रासंगिक ब्योरा नहीं दे पाएंगे।
दूरसंचार नियामक ने 27 सितंबर को देश में कॉलिंग, मैसेजिंग, ब्रॉडबैंड और अन्य सेवाएं देने के लिए उपग्रह कंपनियों को स्पेक्ट्रम आवंटन की पद्धति और मूल्य का पता लगाने के लिए एक परामर्श प्रक्रिया शुरू की।
नियामक ने परामर्श पत्र पर टिप्पणियों के लिए 18 अक्टूबर और जवाबी टिप्पणियों के लिए 25 अक्टूबर की तारीख तय की है।
स्पेक्ट्रम मूल्य और आवंटन पद्धति पर होने वाला फैसला पूरे भारत में एलन मस्क के स्वामित्व वाली स्टारलिंक, भारती समूह-समर्थित वनवेब और जियो सैटेलाइट कम्युनिकेशंस जैसी कंपनियों से उपग्रह-आधारित ब्रॉडबैंड सेवाओं का मार्ग प्रशस्त करेगा।
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