जियो, एयरटेल की ग्राहक संख्या जुलाई में बढ़ी, वोडा-आईडिया ने 14.3 लाख उपभोक्ता गवाएं: TRAI
प्रतिकात्मक तस्वीर (Photo Credits: Facebook)

नई दिल्ली, 23 सितंबर: वित्तीय संकट का सामना कर रही वोडाफोन आइडिया लि. (वीआईएल) ने जुलाई में 14.3 लाख मोबाइल ग्राहक गंवाए जबकि देश की सबसे बड़ी दूरसंचार कंपनी रिलायंस जियो और भारती एयरटेल की ग्राहक संख्या में अच्छी-खासी वृद्धि हुई. भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के आंकड़ों के अनुसार रिलायंस जियो ने बाजार में अपनी पकड़ को मजबूत करते हुए जुलाई में 65.1 लाख नये मोबाइल ग्राहक जोड़े. वहीं भारती एयरटेल की ग्राहक संख्या में 19.42 लाख का इजाफा हुआ. यह भी पढ़े: दूरसंचार कंपनियों का ARPU बिना शुल्क वृद्धि के भी बढ़ेगा

ट्राई की तरफ से जारी आंकड़ों के अनुसार जुलाई, 2021 में जियो की कुल मोबाइल ग्राहक संख्या तेजी से बढ़ते हुए 44.32 करोड़ पर पहुंच गई. एयरटेल का ग्राहक आधार भी बढ़कर 35.40 करोड़ पर पहुंच गया. वहीं दूसरी तरफ जुलाई महीने में वोडाफोन आइडिया के ग्राहकों की संख्या 14.3 लाख घटकर 27.19 करोड़ रह गई. जुलाई, 2021 तक देश के दूरसंचार बाजार में रिलायंस जियो के पास 37.34 प्रतिशत, भारती एयरटेल के पास 29.83 और वोडाफोन के पास 22.91 प्रतिशत हिस्सेदारी हैं. वही ट्राई के आंकड़ों के अनुसार जुलाई, 2021 के अंत तक देश में कुल फोन ग्राहकों की संख्या मासिक आधार पर 0.57 प्रतिशत बढ़कर 120.9 करोड़ हो गई. इस दौरान शहरी क्षेत्रों में फोन ग्राहकों की संख्या में 0.70 प्रतिशत और ग्रामीण इलाकों में कनेक्शनों में 0.42 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई. इसके अलावा तार रहित यानी मोबाइल श्रेणी में ग्राहकों की कुल संख्या जुलाई, 2021 के अंत तक 0.51 प्रतिशत की वृद्धि लेकर 118.6 करोड़ पर पहुंच गई. इसमें शहरी क्षेत्रों में 0.59 फीसदी और ग्रामीण इलाकों में 0.41 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई.

ट्राई ने कहा कि जून में 440 ऑपरेटरों से मिली जानकारी की तुलना में जुलाई महीने में 455 ऑपरेटरों से मिली सूचना के आधार पर ब्रॉडबैंड ग्राहकों की संख्या बढ़कर 80.86 करोड़ पर पहुंच गई, जो जून अंत तक 79.27 करोड़ थी. इसमें मासिक आधार पर दो प्रतिशत की वद्धि हुई. ब्रॉडबैंड बाजार में पांच शीर्ष सेवाप्रदाताओं की बाजार हिस्सेदारी जुलाई में 98.7 प्रतिशत रही है. इनमें रिलायंस जियो इन्फोकॉम लि. (44.68 करोड़), भारती एयरटेल (20.17 करोड़), वोडाफोन आइडिया (12.97 करोड़), बीएसएनएल (2.42 करोड़) और एट्रिया कन्वर्जेंस (19.3 लाख) शामिल हैं. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने हाल ही में दबाव में फंसे दूरसंचार क्षेत्र के लिये बड़े सुधार पैकेज को मंजूरी दी है. इस पैकेज में सांविधिक बकाये के भुगतान से चार साल की मोहलत देना, दुलर्भ रेडियो तरंगों को साझा करने की अनुमति, सकल समायोजित राजस्व (एजीआर) की परि में बदलाव तथा स्वत: मंजूर मार्ग से 100 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की अनुमति शामिल हैं.

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