चंडीगढ़, 28 जनवरी पंजाब के मुख्यमंत्री अरमिंदर सिंह ने बृहस्पतिवार को कहा कि केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान भड़की हिंसा का दोष दूसरों पर डालने की “ हताश एवं अपमानपूर्ण“ कोशिश कर रहे हैं ।
सिंह ने आरोप लगाया कि किसानों को भाजपा के समर्थकों और कार्यकर्तों ने आम आदमी पार्टी (आप) के साथ मिलाकर भड़काया। इसके बाद ट्रैक्टर परेड में अव्यवस्था फैल गई और प्रदर्शनकारियों का एक वर्ग दिल्ली पुलिस से हुए समझौते को तोड़कर हिंसा में शामिल हो गया।
जावड़ेकर ने बुधवार को हिंसा के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराते हुए आरोप लगाया था कि भारत लालकिले पर तिरंगे का अपमान बर्दाश्त नहीं करेगा।
उन्होंने दावा किया था कि कांग्रेस ने आंदोलन के दौरान किसानों को भड़काने के लिए हमेशा काम किया है।
सिंह ने जावड़ेकर के आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा, “ भाजपा और आप के कार्यकर्ता एवं समर्थक लालकिले पर निशान साहिब का ध्वज फहराते हुए कैमरे में कैद हुए हैं न कि कांग्रेस के सदस्य। “
सिंह ने आरोप लगाया कि आप के सदस्य अमरिक मिकी वहां देखे गए थे जहां हिंसा हो रही थी।
मुख्यमंत्री की टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब दिल्ली पुलिस ने लाल किले की घटना के लिए एक प्राथमिकी में अभिनेता दीप सिद्धू का नाम शामिल किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस का एक भी नेता या सदस्य लाल किले पर हिंसा में शामिल नहीं दिखा।
उन्होंने कहा कि किसान भी हिंसा के लिए जिम्मेदार नहीं हैं क्योंकि हिंसा “असामाजिक “ तत्वों ने की जिन्होंने ट्रैक्टर परेड में घुसपैठ की थी।
सिंह ने कहा कि केंद्र को राजनीतिक दल या किसी तीसरे देश की संभावित भूमिका का पता लगाने के लिए स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच करवानी चाहिए ताकि दोषियों को सजा मिल सके और वास्तविक किसानों को बेवजह परेशान न किया जाए।
उन्होंने कहा कि भाजपा नेता भी हिंसा में तीसरे देश का हाथ होने का आरोप लगा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर हिंसा भड़काने का आरोप लगाने के लिए जावड़ेकर को आड़े हाथो लिया।
उन्होंने कहा, “ क्या कांग्रेस नेता (गांधी) ने किसी से लाल किले पर चढ़ने के लिए कहा था? उन्होंने नहीं कहा। भाजपा और आप के सदस्यों ने ऐसा किया था।“
सिंह ने कहा कि गांधी ने तत्काल हिंसा की निंदा की और साफ किया कि इससे संकट हल नहीं होगा।
उन्होंने कहा, “ ये आरोप हिंसा में भाजपा की भूमिका ढकने के सिवाए कुछ नहीं है और केंद्र सरकार स्थिति का प्रबंधन करने में पूरी तरह से नाकाम रही है जो उसने काले कृषि कानूनों को एक तरफा तरीके से लागू कर बनाई है।“
केंद्रीय मंत्री ने कहा था कि विपक्षी पार्टी अपनी जिम्मेदारी से भाग नहीं सकती है क्योंकि वह पंजाब में सत्ता में है। साथ में यह भी कहा था कि राज्य सरकार को एहतियाती उपाय के तहत आपराधिक तत्वों को गिरफ्तार करना चाहिए था।
सिंह ने कहा कि ट्रैक्टर परेड की इजाजत दिल्ली पुलिस ने आधिकारिक रूप से दी थी और परेड में शामिल होने से किसानों को रोकने के लिए पंजाब सरकार के पास कोई कारण नहीं था।
मुख्यमंत्री ने कहा, “मैं शांतिपूर्ण किसानों को राष्ट्रीय राजधानी जाकर विरोध करने के अपने लोकतांत्रिक अधिकार का प्रयोग करने से कैसे रोक सकता था। “
उन्होंने कहा कि अगर दिल्ली की सीमाओं पर किसानों की आवाजाही पर कोई प्रतिबंध था तो केंद्र सरकार को जिसका जावड़ेकर हिस्सा हैं, हरियाणा की भाजपा सरकार को निर्देश देकर किसानों को रास्ते में रुकवा देना चाहिए था।
उन्होंने कहा कि हिंसा के लिए पंजाब सरकार या कांग्रेस पर दोष मढ़ना साफ तौर पर भाजपा नेतृत्व द्वारा “ ध्यान भटकाने का हथकंडा“ है।
सिंह ने कहा जब किसानों ने पंजाब में रेल की पटरियों को बाधित किया हुआ था तो उन्होंने प्रधानमंत्री समेत कई मंत्रियों से संपर्क किया था और संकट हल करने की गुजारिश की थी लेकिन किसी ने उनकी सुनी थी।
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