देश की खबरें | जम्मू कश्मीर:अधिकारियों ने मतदाता सूची में बाहरी लोगों को शामिल किये जाने पर नियमों का हवाला दिया

जम्मू, 18 अगस्त जम्मू कश्मीर के अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह बताने के लिए नियमों का हवाला दिया कि निर्धारित आयु के हो चुके और किसी स्थान पर सामान्य रूप से निवास करने वाला कोई भी नागरिक उस स्थान के मतदाता के रूप में पंजीकृत किये जाने के लिए योग्य है।

केंद्र शासित प्रदेश की मतदाता सूची में बाहर के लोगों को शामिल करने के फैसले को लेकर उपजे विवाद के बीच यह कहा गया है।

नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने 22 अगस्त को यहां एक सर्वदलीय बैठक बुलाई है जिसमें जम्मू कश्मीर के बाहर के लोगों को मतदाता सूची में शामिल करने के मुद्दे पर साझा रुख तैयार करने पर निर्णय लिया जाएगा। बैठक में इस नए घटनाक्रम पर भविष्य की रणनीति पर चर्चा होगी।

सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “ अनुच्छेद 370 को निरस्त करने और जन प्रतिनिधित्व अधनियम, 1950 और 1951 के लागू होने के साथ ही, भारत का कोई भी नागरिक जो निर्धारित उम्र का हो चुका है और किसी स्थान पर 'सामान्य रूप से निवास कर रहा है', वह उस स्थान की मतदाता सूची में पंजीकृत होने के लिए पात्र है।”

अधिकारी ने कहा कि अनुच्छेद 370 को निरस्त किये जाने से पहले प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए मतदाता सूची जम्मू कश्मीर जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1957 के तहत तैयार की जाती थी जिसमें केवल स्थायी निवासी ही पंजीकृत होने के पात्र होते थे।

उन्होंने कहा कि इस संदर्भ में मीडिया को जानकारी दी गई थी कि जो भी व्यक्ति मतदाता सूची में पंजीकरण कराने के लिए आवश्यक पात्रता को पूरा करता है और वह केंद्र शासित प्रदेश में (व्यवसाय, पढ़ाई या पदस्थापन जैसे किसी भी कारण से रह रहा है), वह जम्मू कश्मीर की मतदाता सूची में अपना नाम दर्ज करा सकता है।

अधिकारी ने कहा कि बशर्ते, उसे अपना नाम उस क्षेत्र की मतदाता सूची से हटवाना होगा, जहां उसका नाम पहले से दर्ज है, क्योंकि दो स्थानों पर मतदाता सूची में नाम दर्ज कराने की कानून के तहत इजाजत नहीं है।

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