Jallikattu: एम के स्टालिन ने उच्चतम न्यायालय के फैसले का किया स्वागत, भाजपा ने PM मोदी को दिया श्रेय
CM M. K. Stalin (Photo Credit: Facebook)

चेन्नई, 18 मई: तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने सांडों से जुड़े खेल ‘जल्लीकट्टू’ को उच्चतम न्यायालय से हरी झंडी मिलने का स्वागत किया और कहा कि यह एक ऐसा अहम फैसला है जो राज्य के ‘इतिहास में स्वर्णाक्षरों’ में अंकित हो गया. उन्होंने एक ट्वीट में कहा कि इस खेल को मंजूरी देने वाले तमिलनाडु के कानून को शीर्ष अदालत द्वारा बरकरार रखा गया है और इस अवसर को जनवरी, 2024 के पोंगल सीजन में ‘विजय उत्सव’ के रूप में मनाया जाएगा. यह भी पढ़ें: SC on Jallikattu: सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु के जल्लीकट्टू को दी इजाजत

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की प्रदेश इकाई ने इस खेल पर लगी पाबंदी को हटाने का श्रेय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘निरंतर प्रयासों’ को दिया. सत्तारूढ़ द्रविड मुनेत्र कषगम (द्रमुक) ने पार्टी प्रमुख स्टालिन की अगुवाई वाली सरकार को इस अनुकूल फैसले का श्रेय दिया और कहा कि अदालत में जल्लीकट्टू के समर्थन में सरकार द्वारा ‘दमदार’ दलीलें रखे जाने के कारण यह संभव हो सका.

न्यायमूर्ति के एम जोसेफ की अध्यक्षता वाली पांच-न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने सर्वसम्मति से ‘जल्लीकट्टू’ पर आज फैसला सुनाया. स्टालिन ने ट्वीट में कहा,‘‘ उच्चतम न्यायालय का यह फैसला आया है कि तमिलों की वीरता एवं संस्कृति को प्रदर्शित करने वाले खेल जल्लीकट्टू के आयोजन पर कोई पाबंदी अब नहीं रही। यह फैसला तमिलनाडु के इतिहास में स्वर्णाक्षरों में अंकित हो गया है.’’

उन्होंने कहा कि यह तमिलनाडु सरकार द्वारा लड़ी गयी कानूनी जंग में बहुत बड़ी जीत है.

उन्होंने कहा , ‘‘ हम अलांगनाल्लुर में विशाल जल्लीकट्टू आयोजन के लिए अवसंरचना तैयार कर रहे है. हम जनवरी, 2024 के दौरान विजय उत्सव मनायेंगे.’’स्टालिन की अगुवाई वाली सरकार की पीठ थपथपाते हुए द्रमुक के आधिकारिक ट्विटर हैंडल ने कहा कि द्रमुक ने तमिल गौरव की रक्षा की.

इसी बीच, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष के अन्नामलाई ने ट्वीट किया, ‘‘ तमिलनाडु की भाजपा इकाई और

तमिलनाडु की जनता की ओर से हम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को यह सुनिश्चित करने के लिए उनके सतत प्रयासों पर धन्यवाद देते हैं कि तमिलनाडु में सांस्कृतिक खेल जल्लीकट्टू पर से पाबंदी हटे.’’

उन्होंने याद दिलाया कि इस खेल पर पाबंदी की अधिसूचना पूर्ववर्ती संप्रग सरकार के दूसरे कार्यकाल में तत्कालीन केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश द्वारा लायी गयी तथा राजग सरकार ने 2016 में जल्लीकट्टू की अनुमति देते हुए गजट अधिसूचना जारी की लेकिन बाद में शीर्ष अदालत ने उसपर रोक लगा दी.

उन्होंने कहा कि सरकारी आदेश पर उच्चतम न्यायालय द्वारा रोक लगाये जाने के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने तमिलनाडु सरकार से अध्यादेश जारी करने का अनुरोध किया तथा बड़े आग्रह के बाद जनवरी, 2017 में अध्यादेश जारी किया गया.

अन्नामलाई ने कहा कि दिसंबर, 2022 में केंद्र ने शीर्ष अदालत से कहा कि अध्यादेश को मिली राष्ट्रपति की मंजूरी के पक्ष में जरूरी हर दस्तावेज हैं तथा हर एक एक पहलू को प्रस्तुत किया गया है.

उन्होंने कहा, ‘‘ यदि कोई ऐसा व्यक्ति है जो शुरू से अबतक जल्लीकट्टू के पक्ष में खड़ा रहा तो वह हमारे माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हैं.’’

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