नयी दिल्ली, 19 अगस्त विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बुधवार को अफगानिस्तान के अपने समकक्ष मोहम्मद हनीफ अतमार के साथ बहुप्रतिक्षित शांति प्रक्रिया के बारे में ‘सार्थक’चर्चा की । इस शांति प्रक्रिया का उद्देश्य अफगानिस्तान में करीब दो दशक से जारी संघर्ष को समाप्त करना है।
विदेश मंत्री ने अपने ट्वीट में कहा कि उन्होंने अफगानिस्तान के साथ ‘विकास गठजोड़’ की पुन: पुष्टि की और उस देश में हाल के घटनाक्रमों के बारे में चर्चा की ।
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जयशंकर और अफगानिस्तान के कार्यकारी विदेश मंत्री अतमार के बीच टेलीफोन पर यह चर्चा ऐसे समय में हुई है जब 10 दिन पहले ही वहां के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने 400 तालिबानी कैदियों को रिहा करने पर सहमति व्यक्त की जिससे शांति प्रक्रिया की शुरूआत का मार्ग प्रशस्त हुआ है।
जयशंकर ने ट्वीट किया, ‘‘ अफगानिस्तान के कार्यकारी विदेश मंत्री हनीफ अतमार के साथ सार्थक चर्चा हुई । उन्हें अफगानिस्तान के स्वतंत्रता दिवस पर शुभकामनाएं दी । अफगानिस्तान के हाल के घटनाक्रम और हमारे द्विपक्षीय सहयोग के बारे में चर्चा हुई । हमारे विकास गठजोड़ तथा सम्पर्क की पुन: पुष्टि की । ’’
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गौरतलब है कि भारत, अफगानिस्तान में शांति एवं स्थिरता में एक प्रमुख पक्षकार है। भारत ने वहां सहायता और पुन: निर्माण गतिविधियों में 2 अरब डालर का निवेश किया है। भारत, अफगानिस्तान के नेतृत्व और नियंत्रण वाले राष्ट्रीय शांति एवं मेलमिलाप प्रक्रिया का समर्थन करता रहा है।
भारत, फरवरी में तालिबान के साथ अमेरिका के शांति समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद से उभरती राजनीतिक स्थिति पर करीब नजर रखे हुए हैं । इस समझौते से अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी का रास्ता निकलता है जहां अमेरिका 18 वर्षो से एक तरह से युद्ध की स्थिति में है। इस दौरान अफगानिस्तान में अमेरिका के 2,400 से अधिक सैनिक मारे गए हैं ।
भारत ने अफगानिस्तान में सभी राजनीतिक वर्गो से वहां के अल्पसंख्यकों सहित सभी लोगों की आशा, आकांक्षाओं को पूरा करने के लिये मिलकर काम करने की बात पर जोर दिया है।
बहरहाल, जयशंकर ने ओमान के विदेश मंत्री बद्र अलबुसैदी से भी टेलीफोन पर बातचीत की ।
जयशंकर ने ट्वीट किया, ‘‘ ओमान के विदेश मंत्री बद्र अलबुसैदी से बातचीत की और उन्हें पद पर नियुक्त किये जाने पर बधाई दी । हमारे शानदार द्विपक्षीय संबंधों के बारे में चर्चा की । उनके साथ मिलकर काम करने को आशान्वित हूं । ’’
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