तोक्यो, 24 जुलाई तोक्यो ओलंपिक की तीरंदाजी मिश्रित युगल स्पर्धा में अतनु दास और दीपिका कुमारी की फार्म में चल रही जोड़ी को तोड़ने के फैसले ने भले ही कई को हैरान किया हो लेकिन भारतीय मुख्य कोच मिम बहादुर गुरूंग ने कहा कि यह ‘स्पष्ट और निष्पक्ष चयन’ था।
भारत की मिश्रित युगल वर्ग में पदक की उम्मीद दीपिका और जाधव की नयी जोड़ी के शनिवार को क्वार्टरफाइनल में कोरियाई जोड़ी से हारने के बाद समाप्त हो गयी।
गुरूंग ने दास के बजाय जाधव को चुनने के फैसले का बचाव करते हुए कहा, ‘‘यह साफ और निष्पक्ष चयन था। हम क्वालीफिकेशन दौर में अपने शीर्ष रैंकिंग के खिलाड़ियों के साथ उतरे थे। यह गलती नहीं थी। ’’
दीपिका और दास ने तोक्यो आने से एक महीने पहले पेरिस में विश्व कप में स्वर्ण पदक जीता था।
लेकिन यहां जाधव भारतीय तिकड़ी में सर्वश्रेष्ठ रैंकिंग पर रहे थे। वह व्यक्तिगत रैंकिंग राउंड में दास से चार स्थान आगे 31वें स्थान पर रहे थे।
मिश्रित टीमें सामान्य तौर पर देश के एक पुरूष और महिला तीरंदाज के शीर्ष स्कोर के आधार पर बनती है।
देश के पास अपने सर्वश्रेष्ठ संयोजन को बदलने का विकल्प था लेकिन भारत ने इसके बजाय ओलंपिक में नयी जोड़ी उतारने का फैसला किया।
दीपिका हालांकि अंतिम मिनट में किये गये बदलाव से निराश दिख रही थी और उन्होंने कहा था ‘यह मायने रखता’।
लेकिन गुरूंग ने कहा, ‘‘मैं नहीं जानता कि उसने (दीपिका) क्या कहा। मिश्रित युगल स्पर्धा के लिये टीम दो शीर्ष रैंकिंग खिलाड़ियों से बनती है। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘यही पहली पसंद थी। क्या उसे दुख नहीं होगा जिसे सभी में शीर्ष पर रहने के बावजूद छोड़ दिया गया। हम उसके (जाधव) करियर से नहीं खेलना चाहते थे। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘अगर अतनु भी हार जाता, तो भी क्या सवाल उठते और आरोप लगते। तो किसे दोषी ठहराया जाता? ’’
गुरूंग ने कहा कि नयी जोड़ी अभ्यास में काफी अच्छा कर रही थी और उन्होंने लगातार 38-39 का स्कोर बनाया था।
उन्होंने कहा, ‘‘नहीं कह सकता कि मैदान पर जाने के बाद क्या गलत हुआ। लेकिन अभ्यास रेंज में वे लगातार 39-38 का स्कोर बना रहे थे। सुबह जाधव ने भी अच्छे निशाने लगाये। ’’
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