देश की खबरें | वामपंथी उग्रवाद के वित्तपोषण को सख्ती से रोकना जरूरी - शाह

रायपुर, 24 अगस्त केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने वामपंथी उग्रवाद के खिलाफ अभियान को और गति देने पर जोर देते हुए शनिवार को कहा कि माओवादियों के वित्तपोषण तथा उन तक हथियारों की आपूर्ति को सख्ती से रोकना जरूरी है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

अधिकारियों ने बताया कि शाह ने आज नवा रायपुर में छत्तीसगढ़ और पड़ोसी राज्यों के मुख्य सचिवों तथा पुलिस महानिदेशकों के साथ वामपंथी उग्रवाद पर समीक्षा बैठक और अंतरराज्यीय समन्वय बैठक की अध्यक्षता की।

उन्होंने बताया कि बैठक में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा, केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय, केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन, खुफिया ब्यूरो एवं राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) के निदेशक तथा केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ), सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ), सशस्त्र सुरक्षा बल (एसएसबी) और भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के महानिदेशक शामिल हुए।

अधिकारियों ने बताया कि बैठक में आंध्र प्रदेश, झारखंड, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा और तेलंगाना के मुख्य सचिव तथा पुलिस महानिदेशक भी शामिल हुए।

उन्होंने बताया कि बैठक में वामपंथी उग्रवाद से निपटने की रणनीति, अंतरराज्यीय समन्वय, सुरक्षा बलों के क्षमता निर्माण, वामपंथी उग्रवाद मामलों की शीघ्र जांच और अभियोजन तथा वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों के व्यापक विकास जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की गई।

अपने संबोधन में गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में वामपंथी उग्रवाद के खिलाफ अभियान अब निर्णायक मोड़ पर है और “मार्च, 2026 से पहले हम नक्सलवाद को देश से पूरी तरह समाप्त करने के प्रति कटिबद्ध हैं।”

उन्होंने कहा, “नक्सलवाद के खिलाफ अभियान की शुरूआत में जो गति और तीव्रता थी, उससे दो गुना गति और तीव्रता से अब हमें दो साल और काम करने की जरूरत है तभी इस समस्या को पूरी तरह समाप्त किया जा सकेगा।”

गृह मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार ने वामपंथी उग्रवाद के खिलाफ विकास, अभियोजन और अभियान तीनों मोर्चों पर एक संपूर्ण रणनीति के साथ लड़ाई लड़ी है जिसके परिणामस्वरूप ये समस्या अब काफी हद तक सिमट गई है।

शाह ने कहा कि वामपंथी उग्रवाद के खिलाफ अभियान को और गति देने के लिए सभी पुलिस महानिदेशकों को अपने राज्यों में हर सप्ताह नक्सल अभियान में लगी टीम के साथ बैठक कर कार्ययोजना बनानी चाहिए।

उन्होंने कहा कि इसके साथ ही मुख्य सचिवों को हर 15 दिन में एक बार नक्सल अभियान से जुड़े विकास कार्यों की समीक्षा बैठक करनी चाहिए।

शाह ने कहा, “जब तक नक्सल अभियान की सतत निगरानी नहीं होगी तब तक हम अपेक्षित परिणाम प्राप्त नहीं कर सकेंगे।”

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि राज्यों की विशेष जांच एजेंसी को एनआईए की तर्ज पर जांच और अभियोजन के लिए तैयार और प्रशिक्षित करने की जरूरत है।

शाह ने कहा कि आत्मसमर्पण की नीति लचीली होनी चाहिए लेकिन इसका गलत उपयोग न हो, इसके लिए प्रयास किए जाने चाहिए।

शाह ने कहा कि राज्यों को नक्सलवाद से संबंधित अंतरराज्यीय मामलों की जांच एनआईए को देनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि वामपंथी उग्रवाद के वित्त पोषण, हथियारों की आपूर्ति और उनके निर्माण पर हर राज्य को बहुत ध्यान से काम करने की जरूरत है।

अधिकारियों के मुताबिक, शाह ने वामपंथी उग्रवाद की आपूर्ति श्रंखला और इसके वित्तपोषण पर समग्रता से प्रहार करने पर जोर दिया।

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