West Bengal: सीएम ममता बनर्जी ने मोदी सरकार पर साधा निशाना, कहा- नेताजी पर आधारित झांकी को खारिज करके बंगाल के साथ अन्याय किया गया
सीएम ममता बनर्जी और पीएम नरेंद्र मोदी (Photo Credit : Facebook)

कोलकाता: पश्चिम बंगाल (West Bengal) की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने भाजपा (BJP) पर निशाना साधते हुए रविवार को कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार (Narendra Modi Government) इंडिया गेट (India Gate) पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस (Netaji Subhash Chandra Bose) की प्रतिमा स्थापित करने का वादा करके महान स्वतंत्रता सेनानी (Freedom Fighter) पर आधारित राज्य की गणतंत्र दिवस झांकी (Republic Day Tableau) को शामिल न करने की अपनी गलती से पल्ला नहीं झाड़ सकती. Subhash Chandra Bose Jayanti 2022 Quotes: सुभाष चंद्र बोस की 126वीं जयंती पर अपनों के साथ शेयर करें नेताजी के ये क्रांतिकारी विचार

बनर्जी ने दोहराया कि झांकी को सरसरी तौर पर खारिज करने का कोई कारण नहीं बताया गया. उन्होंने यहां अपने संबोधन के दौरान कहा, ‘‘हम यहां रेड रोड पर गणतंत्र दिवस परेड के दौरान झांकी निकालेंगे. आप (लोग) देखेंगे कि यह कितनी जीवंत और रचनात्मक (झांकी) है, जो नेताजी की वीरता और स्वतंत्रता दिवस की 75वीं वर्षगांठ की भावना को समेटे हुए है. केंद्र झांकी को ठुकराकर पश्चिम बंगाल के साथ हुए अन्याय से अपना पल्ला नहीं झाड़ सकता है.’’

तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) अध्यक्ष बनर्जी ने केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा नीत केंद्र नेताजी के लापता होने के पीछे के रहस्य का पता लगाने के अपने वादे पर खरा नहीं उतर पाया.

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘आप नेताजी की मूर्ति लगाकर उनके प्रति प्रेम की घोषणा नहीं कर सकते, उनके लापता होने के रहस्य को उजागर करने के लिए आपने क्या किया? केंद्र की इस सरकार ने सत्ता में आने के बाद सभी रहस्यों को उजागर करने का वादा किया था, लेकिन वह विफल रही है.’’

उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने अपनी ओर से, ‘‘नेताजी से संबंधित सभी फाइलों का डिजिटलीकरण किया’’ ताकि इन्हें सार्वजनिक किया जा सके. बनर्जी ने अमर जवान ज्योति को राष्ट्रीय युद्ध स्मारक ज्योति के साथ विलय करने के कदम पर भी केंद्र पर निशाना साधा. उन्होंने कहा, ‘‘नेताजी की प्रतिमा स्थापित करके अमर जवान की लौ को बुझाने के आपके कृत्य का प्रायश्चित नहीं हो सकता है. कृपया युद्ध स्मारकों और प्रतिमाओं का राजनीतिकरण करना बंद करें.’’

मुख्यमंत्री ने ‘‘योजना आयोग को भंग करने’’ के लिए भी मोदी सरकार की आलोचना की और कहा कि उनकी सरकार नेताजी के उद्देश्यों को कायम रखते हुए एक बंगाल योजना आयोग का गठन करेगी.

उन्होंने कहा, ‘‘संघवाद की अवधारणा नेताजी, ऋषि अरबिंद और विवेकानंद जैसी महान हस्तियों से आयी थी और भाजपा देश की संघीय भावना को नष्ट करने को उतारू है, जैसा कि उनके सभी कदमों से स्पष्ट है. वे बंगाल से आईएएस अधिकारियों को दिल्ली बुला रहे हैं. उन्होंने पूर्व में हमारे मुख्य सचिव को बुलाया था. वे हमारे वरिष्ठ अधिकारियों को परेशान कर रहे हैं.’’

किसी पार्टी का नाम लिये बिना मुख्यमंत्री बनर्जी ने कहा कि देश के इतिहास को बदलने और बिगाड़ने की कोशिशों का विरोध किया जाना चाहिए.

उन्होंने कहा, ‘‘ऐसे प्रयास करने वालों से पूछा जाना चाहिए कि क्या उन्होंने नेताजी के कार्यों, उनके भाषणों को पढ़ा है. याद रखें कि आईएनए में उनके सबसे भरोसेमंद लेफ्टिनेंट मुस्लिम थे. विभाजन और नफरत की विचारधारा को बढ़ावा देने वालों को पहले गांधीजी, नेताजी और बी आर आंबेडकर के बारे में सीखना चाहिए.’’

उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि स्वतंत्रता संग्राम में बंगाल के गौरवशाली इतिहास को स्कूलों में पढ़ाया जाना चाहिए. बनर्जी ने कहा, ‘‘भारत का राष्ट्रगान रवींद्रनाथ टैगोर ने लिखा था, हमारा राष्ट्रीय गीत बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय ने लिखा था, जय हिंद का नारा नेताजी ने गढ़ा था. बंगाल और पंजाब ने स्वतंत्रता आंदोलन में बड़ा योगदान दिया है.’’

मुख्यमंत्री ने अपनी सरकार की भविष्य की योजनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि स्कूलों में जय हिंद वाहिनी का गठन किया जाएगा, जिसके तहत बच्चे नेताजी की विचारधारा को कायम रखते हुए लोगों की सेवा करेंगे. मुख्यमंत्री ने अपना भाषण शुरू करने से पहले नेताजी के जन्म को उल्लेखित करने के लिए शंख बजाया, जबकि राज्य के विभिन्न हिस्सों में सायरन बजाया गया. इस अवसर पर नेताजी के पौत्र और प्रख्यात इतिहासकार सुगत बोस ने आजाद हिंद फौज का प्रतिष्ठित गीत ‘सुभाषजी सुभाषजी’ गाया.

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