लंदन, एक जुलाई ब्रिटेन सरकार द्वारा बुधवार को घोषित सुगम वीजा प्रक्रिया और पीएचडी शोधार्थियों के लिए अध्ययन बाद के विस्तारित वीजा से अंतरराष्ट्रीय छात्रों में सबसे ज्यादा फायदा भारतीय छात्रों को होगा ।
व्यापक शोध और विकास प्रारूप के तहत सरकार ने वीजा प्रक्रिया को आसान बनाने का संकल्प लिया है ताकि ब्रिटेन में अंतरराष्ट्रीय छात्रों को रोजगार मिल सके और आर्थिक विकास में वे योगदान दे सकें ।
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ब्रिटेन सरकार के एक बयान में कहा गया है, ‘‘ग्रीष्म 2021 से पीएचडी करने वाले छात्र अध्ययन के बाद काम करने के लिए ब्रिटेन में तीन साल रह सकते हैं। ’’
इसमें कहा गया, ‘‘जैसा की पहले घोषणा की गयी थी , स्नातक और स्नातकोत्तर डिग्री सफलतापूर्वक पूरा करने वाले छात्र अध्ययन के दो साल बाद तक यहां रह पाएंगे। इससे दूसरे देशों के छात्रों को ब्रिटेन में योग्य नौकरी पाने में आसानी होगी और वे आर्थिक विकास में योगदान दे पाएंगे । ’’
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ब्रिटेन की नयी प्वाइंट आधारित आव्रजन प्रणाली के तहत कुछ महीने में छात्रों के लिए जब यह प्रक्रिया चालू हो जाएगी तो काफी चीजें बेहतर होंगी। इससे आव्रजन प्रक्रिया और सुगम होगी ।
ब्रिटिश काउंसिल ने नयी घोषणाओं को ‘‘उत्साहजनक समाचार’’ बताते हुए कहा कि इससे भारत और ब्रिटेन के बीच प्रतिभा और शोध को मजबूती मिलेगी । इससे नयी खोज को बढ़ावा मिलेगा और शैक्षिक व्यवस्था मजबूत होगी ।
ब्रिटिश काउंसिल के भारत की निदेशक बारबरा विखम ने कहा, ‘‘ब्रिटेन में शिक्षा और अपने करियर को संवारने के लिए आने वाले भारत के पीएचडी छात्रों को काफी फायदा होगा। उन्हें तीन साल का अनुभव मिलेगा और पेशेवर तौर पर इसका काफी फायदा होगा । ’’
बदलाव के विवरण के बारे में अगले कुछ महीने में पता चलेगा । चीन के बाद सबसे ज्यादा भारत के ही छात्र वीजा के लिए आवेदन करते है। पिछले साल की तुलना में 2020 में ऐसे आवेदन में 32.9 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई ।
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