बीजिंग, 21 अक्टूबर बीजिंग स्थित भारतीय दूतावास ने शुक्रवार को चीन लौट रहे भारतीय छात्रों से उसके पास पंजीकरण कराने को कहा, ताकि उनकी ‘कंसुलर (राजनयिक)’ जरूरतों को समय पर पूरा किया जा सके।
भारतीय दूतावास ने यह परामर्श ऐसे समय में जारी किया है, जब कोविड-19 महामारी की रोकथाम के लिए लागू यात्रा प्रतिबंधों के चलते स्वदेश में फंसे भारतीय छात्र बीजिंग द्वारा वीजा जारी करने की प्रक्रिया को बहाल किए जाने के बाद एक बार फिर कक्षाओं में हिस्सा लेने के वास्ते चीन लौटने लगे हैं।
कोविड-19 के मद्देनजर चीन द्वारा लागू वीजा प्रतिबंधों के चलते 23 हजार से अधिक भारतीय छात्र स्वदेश में फंस गए थे। इनमें अधिकतर चिकित्सा की पढ़ाई करने वाले छात्र शामिल हैं।
बीजिंग ने उन भारतीय छात्रों को वीजा जारी करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है, जो अपने चीनी कॉलेज या विश्वविद्यालय से पढ़ाई के लिए चीन लौटने की अनुमति हासिल करने में सफल हो रहे हैं।
हालांकि, भारतीय छात्रों को चीन जाने में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि दोनों देशों ने फिलहाल एक-दूसरे के लिए अपनी उड़ान सेवाएं बहाल नहीं की हैं।
सौ से ज्यादा भारतीय छात्रों के तीसरे देश के हवाई मार्ग या फिर हांगकांग के माध्यम से चीन पहुंचने की खबरें सामने आई हैं।
भारतीय दूतावास ने अपने हालिया परामर्श में चीन लौटने वाले भारतीय छात्रों को उसके पास पंजीकरण कराने की सलाह दी है।
दूतावास की वेबसाइट पर जारी नोटिस में कहा गया है, “भारतीय मेडिकल छात्रों ने अपने-अपने विश्वविद्यालयों में कक्षाओं में फिर से शामिल होने के लिए चीन लौटना शुरू कर दिया है। भारतीय छात्रों की कंसुलर (राजनयिक) जरूरतें समय पर पूरी हो सकें, यह सुनिश्चित करने के लिए उनसे पंजीकरण फॉर्म भरने का अनुरोध है।”
नोटिस के मुताबिक, छात्र बीजिंग स्थित भारतीय दूतावास या फिर शंघाई और ग्वांगझू स्थित भारतीय महावाणिज्य दूतावास में पंजीकरण करा सकते हैं।
नोटिस में संबंधित अधिकारियों के नाम और संपर्क विवरण भी उपलब्ध कराया गया है। इसमें स्पष्ट किया गया है कि जो भारतीय छात्र अभी चीन वापस नहीं गए हैं, वे वहां पहुंचने के बाद ही पंजीकरण फॉर्म भरें।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)