नयी दिल्ली, 30 जून : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को तुर्कमेनिस्तान में योग दिवस, गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर की जयंती मनाये जाने और कैरेबियाई देशों में भारतीय विरासत का जश्न मनाये जाने का जिक्र करते हुए कहा कि आज दुनियाभर में भारतीय संस्कृति का गौरव गान हो रहा है, जिसकी हर देशवासी खुशी मना रहे हैं. ‘आकाशवाणी’ के मासिक रेडियो कार्यक्रम की 111वीं कड़ी को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने यह बात कही. इसके साथ ही उन्होंने कुवैत सरकार की ओर से राष्ट्रीय रेडियो पर भारतीय संस्कृति के विभिन्न रंगों को शामिल करते हुए शुरु किए गए हिन्दी के एक विशेष कार्यक्रम का भी जिक्र किया और इस ‘शानदार पहल’ की सराहना की. उन्होंने कहा कि ‘कुवैत रेडियो’ पर हर रविवार को इसका प्रसारण आधे घंटे के लिए किया जाता है. उन्होंने कहा, ‘‘इसमें भारतीय संस्कृति के अलग-अलग रंग शामिल होते हैं. हमारी फिल्में और कला जगत से जुड़ी चर्चाएं वहां भारतीय समुदाय के बीच बहुत लोकप्रिय हैं. मुझे तो यहां तक बताया गया है कि कुवैत के स्थानीय लोग भी इसमें खूब दिलचस्पी ले रहे हैं.’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैं कुवैत की सरकार और वहां के लोगों का हृदय से धन्यवाद करता हूं, जिन्होंने ये शानदार पहल की है.’’ प्रधानमंत्री ने बताया कि तुर्कमेनिस्तान में इस साल मई में वहां के राष्ट्रीय कवि की 300वीं जयंती मनाई गई और इस दौरान वहां के राष्ट्रपति ने दुनिया के 24 प्रसिद्ध कवियों की प्रतिमाओं का अनावरण किया और इनमें से एक प्रतिमा गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर की भी थी. उन्होंने कहा, ‘‘ये गुरुदेव का सम्मान है, भारत का सम्मान है.’’ उन्होंने कहा कि इसी तरह जून के महीने में दो कैरेबियाई देश सूरीनाम और सेंट वेनिस और ग्रेनेडाइंस ने अपनी भारतीय विरासत को पूरे जोश और उत्साह के साथ मनाया.’’ उन्होंने बताया कि सूरीनाम में हिन्दुस्तानी समुदाय हर साल पांच जून को भारतीयों के आगमन दिवस और प्रवासी दिन के रूप में मनाया जाता है. यह भी पढ़ें : कांग्रेस सांसद टैगोर ने पत्रकारों पर कोविड संबंधी पाबंदियां हटाने का अनुरोध किया
उन्होंने कहा, ‘‘यहां तो हिन्दी के साथ ही भोजपुरी भी खूब बोली जाती है. सेंट वेनिस और ग्रेनेडाइंस में रहने वाले हमारे भारतीय मूल के भाई-बहनों की संख्या भी लगभग छह हजार है. उन सभी को अपनी विरासत पर बहुत गर्व है. एक जून को इन सभी ने भारतीय आगमन दिवस को जिस धूमधाम से मनाया, उससे उनकी ये भावना साफ झलकती है. दुनियाभर में भारतीय विरासत और संस्कृति का जब ऐसा विस्तार दिखता है तो हर भारतीय को गर्व होता है.’’ प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन के दौरान पूरी दुनिया ने भरपूर उत्साह और उमंग के साथ मनाए गए 10वें योग दिवस का उल्लेख किया और कहा कि जम्मू एवं कश्मीर के श्रीनगर में आयोजित योग कार्यक्रम में भी कश्मीर में युवाओं के साथ-साथ बहनों–बेटियों ने भी योग दिवस में बढ़–चढ़कर हिस्सा लिया.
उन्होंने कहा, ‘‘जैसे-जैसे योग दिवस का आयोजन आगे बढ़ रहा है, नए-नए रिकॉर्ड बन रहे हैं. दुनियाभर में योग दिवस ने कई शानदार उपलब्धियां हासिल की हैं. सऊदी अरब में पहली बार एक महिला अल हनौफ साद ने योग दिवस कार्यक्रम की अगुआई की. ऐसा पहली बार है जब किसी सऊदी महिला ने ऐसा किया.’’ उन्होंने कहा कि इसी प्रकार मिस्र में इस बार योग दिवस पर एक फोटो प्रतियोगिता का आयोजन किया गया और नील नदी के किनारे रेड सी के किनारों पर और पिरामिडों के सामने - योग करते, लाखों लोगों की तस्वीरें बहुत लोकप्रिय हुईं. उन्होंने इस क्रम में म्यांमा, श्रीलंका, भूटान और अमेरिका सहित दुनियाभर के विभिन्न स्थानों पर योग दिवस के अवसर पर मनाए गए कार्यक्रमों का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘हमें योग को केवल एक दिन का अभ्यास नहीं बनाना है. आप नियमित रूप से योग करें. इससे आप अपने जीवन में सकारात्मक बदलावों को जरूर महसूस करेंगे.’’
प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम के दौरान एक रेडियो कार्यक्रम की ऑडियो क्लिप भी लोगों को सुनाई और बताया कि ये कुवैत रेडियो के एक प्रसारण से संबंधित है. उन्होंने कहा, ‘‘अब आप सोचेंगे कि बात हो रही है कुवैत की तो वहां हिन्दी कहां से आ गई ? दरअसल, कुवैत सरकार ने अपने राष्ट्रीय रेडियो पर एक विशेष कार्यक्रम शुरू किया है. और वह भी हिन्दी में. ‘कुवैत रेडियो’ पर हर रविवार को इसका प्रसारण आधे घंटे के लिए किया जाता है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘इसमें भारतीय संस्कृति के अलग-अलग रंग शामिल होते हैं. हमारी फिल्में और कला जगत से जुड़ी चर्चाएं वहां भारतीय समुदाय के बीच बहुत लोकप्रिय हैं. मुझे तो यहां तक बताया गया है कि कुवैत के स्थानीय लोग भी इसमें खूब दिलचस्पी ले रहे हैं. मैं कुवैत की सरकार और वहां के लोगों का हृदय से धन्यवाद करता हूं, जिन्होंने ये शानदार पहल की है.’’