जम्मू-कश्मीर में मिले लिथियम के उपयोग से इलेक्ट्रिक वाहन विनिर्माण में पहले पायदान पर होगा भारत: नितिन गडकरी
Nitin Gadkari | Photo: ANI

नयी दिल्ली, 24 मार्च : केंद्रीय सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने शुक्रवार को कहा कि भारत जम्मू-कश्मीर में हाल ही में खोजे गए लिथियम भंडार का उपयोग करता है तो वह दुनिया में इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) विनिर्माण के क्षेत्र में पहले पायदान पर होगा. गडकरी ने उद्योग मंडल भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के शुक्रवार को आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देने की जरूरत है और इलेक्ट्रिक बसें ही भविष्य हैं. उन्होंने कहा, ‘‘हम हर साल 1,200 टन लिथियम आयात करते हैं.’’

केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘हमें अब जम्मू-कश्मीर में लिथियम मिला है. अगर हम इस लिथियम आयन का उपयोग कर सकते हैं, तो हम विश्व स्तर पर इलेक्ट्रिक वाहन विनिर्माता देशों में पहले स्थान पर होंगे.’’ भारत, पिछले साल यानी 2022 में चीन और अमेरिका के बाद जापान को पीछे छोड़ तीसरा सबसे बड़ा वाहन बाजार बन गया है. गडकरी के अनुसार, ‘‘वर्तमान में देश का वाहन उद्योग 7.5 लाख करोड़ रुपये का है. इसके अलावा देश के कुल वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) राजस्व में इस क्षेत्र का अधिकतम योगदान है.’ यह भी पढ़ें : मध्यप्रदेश अधिवक्ता परिषद ने मुकदमे लम्बित होने के लिए न्यायाधीशों की कमी को जिम्मेदार ठहराया

भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) ने रियासी जिले में इलेक्ट्रिक वाहनों और सौर पैनल के विनिर्माण के लिहाज से महत्वपूर्ण खनिज लिथियम का पता लगाया. इसका अनुमानित भंडार 59 लाख टन है. जम्मू-कश्मीर के खनन सचिव अमित शर्मा ने पीटीआई- को बताया, ‘‘यह लिथियम दुर्लभ संसाधन की श्रेणी में आता है. यह पहले भारत में उपलब्ध नहीं था और हम इसके 100 प्रतिशत आयात पर निर्भर थे.’’