देश की खबरें | चीन या पाकिस्तान की जमीन नहीं बल्कि शांति चाहता है भारत: गडकरी
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अहमदाबाद, 14 जून केंद्रीय मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता नितिन गडकरी ने रविवार को कहा कि भारत की पाकिस्तान या चीन की जमीन में कोई रुचि नहीं लेकिन वह शांति और मित्रता चाहता है।

गुजरात में ‘जन संवाद’ नाम से आयोजित डिजिटल रैली को महाराष्ट्र के नागपुर से संबोधित करते हुए गडकरी ने कहा कि भारत शांति और अहिंसा में विश्वास करता है और वह विस्तारवादी बनकर मजबूत नहीं बनना चाहता।

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उन्होंने कहा, ‘‘ भारत ने भूटान और बांग्लादेश जैसे पड़ोसियों की जमीन कभी हथियाने की कोशिश नहीं की।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ भारत, पाकिस्तान या चीन की जमीन नहीं चाहता। भारत शांति, मित्रता और प्रेम चाहता है और पड़ोसियों के साथ मिलकर काम करना चाहता है।’’

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गडकरी की टिप्पणी ऐसे समय आई है जब पूर्वी लद्दाख से लगती वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारत और चीन के बीच तनातनी का माहौल है।

मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला साल पूरा होने के बारे में बात करते हुए गडकरी ने कहा कि सबसे बड़ी उपलब्धि आंतरिक और बाहरी सुरक्षा मुद्दों से निपटते हुए देश में शांति स्थापित करना है।

उन्होंने कहा, ‘‘ ... माओवादी समस्या पर लगभग जीत हासिल करना हो या पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद से देश की रक्षा करना...सीमा के एक ओर चीन है तो दूसरी ओर पाकिस्तान। हम शांति चाहते हैं, हिंसा नहीं।’’

नागपुर के सांसद ने मराठी उपन्यासकार शिवाजी सावंत के उपन्यास ‘मृत्युंजय’ का उल्लेख करते हुए कहा कि शांति और अहिंसा केवल ताकतवर ही स्थापित कर सकते हैं, कमजोर नहीं।

उन्होंने कहा, ‘‘ हम विस्तारवादी बनकर भारत को मजबूत नहीं बनाएंगे। हम शांति स्थापित कर भारत को मजूबत बनाना चाहते हैं। हमने कभी भी भूटान की जमीन कब्जाने की कोशिश नहीं की। हमारे देश ने युद्ध (1971 पाकिस्तान के साथ) जीतने के बाद शेख मुजीबुर रहमान को बांग्लादेश का प्रधानमंत्री बनाया और उसके बाद हमारे सैनिक लौट आए।’’

गडकरी ने कहा, ‘‘हमने एक इंच जमीन भी नहीं ली। हम पाकिस्तान या चीन की जमीन नहीं चाहते। हम केवल शांति, मित्रता, प्रेम चाहते हैं और मिलकर काम करना चाहते हैं।’’

सड़क परिवहन और राजमार्ग, सूक्ष्म, लघु और मझोले उद्योग मंत्री ने कहा कि कोविड-19 का संकट लंबे समय तक नहीं रहेगा क्योंकि भारत और दुनिया के वैज्ञानिक टीका विकसित करने के लिए कार्य कर रहे हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘ जहां तक मुझे सूचना मिली है, मैं भरोसे के साथ कह सकता हूं कि जल्द ही टीका विकसित कर लिया जाएगा। एक बार टीका विकसित होने के बाद हमें इस संकट का डर नहीं होगा।’’

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