नयी दिल्ली, 17 सितंबर कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने बृहस्पतिवार को राज्यसभा में कहा कि भारत को किफायती दर पर और शुरूआती दौर में टीका प्राप्त करने के लिए प्रयास करना चाहिए।
राज्यसभा में विपक्ष के नेता आजाद ने हालांकि कहा कि सरकार को नए टीके की गुणवत्ता, सुरक्षा और प्रभाव के बारे में ‘सतर्क रहना चाहिए क्योंकि इसका दीर्घकालिक दुष्प्रभाव भारत पर असर डालेगा।
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उच्च सदन में कोविड-19 महामारी मुद्दे पर हुयी चर्चा में भाग लेते हुए पूर्व स्वास्थ्य मंत्री आजाद ने कहा ''मेडिकल शब्दावली में ‘गोल्डन मंथ्स’ में मरीज को बचाने का प्रयास होता है लेकिन सरकार ने इस संदर्भ में यह समय बर्बाद किया। डब्ल्यूएचओ ने दिसंबर में चीन में रहस्यमय निमोनिया फैलने की चेतावनी दी थी लेकिन पडोस में होने के बाद भी सरकार चौकन्नी नहीं हुई जबकि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मार्च में महामारी को लेकर चेताया था।''
आजाद ने कहा कि हम सभी जानते हैं कि कई कंपनियां टीका विकसित करने में लगी हुयी हैं और वे परीक्षण के दूसरे और तीसरे चरण में हैं। यह टीका निकट भविष्य में आ जाएगा। इसमें 3-4 महीने या 6-8 महीने लग सकते हैं।
आजाद ने कहा ''कोविड महामारी से निपटने के लिए इसके टीके के निर्माण को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। टीका उत्पादकों के साथ सतत वार्ता जरूरी है। हमें सबसे आखिर में आपूर्ति हो सकती है। लेकिन हम इसके लिए अपना समय जाया नहीं कर सकते। हमें अपनी ओर से भी तैयारी करनी होगी। ''
उन्होंने कहा ''कोविड के टीके का देश में विकास महत्वपूर्ण होगा। सुनिश्चित करें कि यह सर्वसुलभ हो। वैक्सीन की सुरक्षा के पहलू पर भी ध्यान देना होगा।''
उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य कर्मियों, सुरक्षा कर्मियों आदि पर भी खास ध्यान देना होगा जो सीधे खतरे की जद में आते हैं।
आजाद ने कहा कि टीके के दुष्प्रभावों पर गहरी नजर रखनी होगी ताकि भारत को इसका गहरा नुकसान न होने पाए। यह भी देखना होगा कि महामारी को देखते हुए इस टीके का परीक्षण लंबा न खिंचे। हमारी बडी आबादी युवा है जिसे हमें अधिक सावधानी से बचाना होगा।
उन्होंने कहा कि कोविड - 19 से बचाव के लिए हर कोई बार बार साबुन का और सैनिटाइजर का इस्तेमाल कर रहा है। ''साबुनों का और सैनिटाइजर का उत्पादन हजार गुना बढ गया है। जाहिर है कि उनका मुनाफा भी बढा, अत: इन उत्पादों की कीमत आधी की जाए। साथ ही मरीजों के लिए ऑक्सीजन भी उपलब्ध हो।''
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