नयी दिल्ली, 24 नवंबर केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत ने पनामा में चल रहे विश्व वन्यजीव सम्मेलन में लाल मुकुट वाले कछुए या 'बटागुर कचुगा' को उच्च स्तर की सुरक्षा देने का प्रस्ताव पेश किया है और इसे अन्य देशों से व्यापक समर्थन मिला है।
पनामा सिटी में 14 से 25 नवंबर तक वन्यजीवों और वनस्पतियों की लुप्तप्राय प्रजातियों को लेकर अंतरराष्ट्रीय व्यापार संधि (सीआईटीईएस) के लिए पक्षों की 19 वीं बैठक (सीओपी 19) आयोजित की जा रही है।
मंत्रालय ने ट्वीट किया कि भारत ने पनामा में चल रहे सीआईटीईएस सीओपी-19 में बटागुर कचुगा के संरक्षण के लिए एक प्रस्ताव पेश किया जिसे भारी समर्थन मिला और इसे सर्वसम्मति से अपनाने की सिफारिश की गई।
इसने एक बयान में कहा कि बैठक में कछुओं और ताजे पानी के कछुओं के संरक्षण के क्षेत्र में भारत के कार्यों तथा वन्यजीव अपराध एवं कछुओं के अवैध व्यापार से निपटने के इसके प्रयासों की सराहना की गई।
बयान में कहा गया, "सीआईटीईएस सचिवालय द्वारा कछुओं और ताजे पानी के कछुओं पर प्रस्तुत किए गए संकल्प दस्तावेजों में विशेष रूप से वन्यजीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो द्वारा शुरू किए गए ‘ऑपरेशन टर्टशील्ड’ जैसे अभियानों में देश द्वारा प्राप्त किए गए सराहनीय परिणाम का उल्लेख किया गया है, जिसके परिणामस्वरूप ताजा पानी के कछुओं के अवैध व्यापार में शामिल कई अपराधियों को पकड़ा गया है और देश के विभिन्न हिस्सों में एजेंसियों द्वारा बड़ी मात्रा में जब्ती की गई है।’’
सीआईटीईएस सीओपी 19 में, भारत ने देश में कछुओं और ताजे पानी के कछुओं के संरक्षण के संबंध में अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।
मंत्रालय ने कहा कि भारत ने हस्तक्षेप करते हुए इस बात पर जोर दिया कि सीआईटीईएस परिशिष्ट-2 में ऐसी कई प्रजातियों को सूचीबद्ध करने से दुनिया भर में इनके अंधाधुंध और अवैध व्यापार पर अंकुश लगेगा।
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