नयी दिल्ली, 19 अगस्त जापान की विदेश मंत्री योको कामिकावा तीसरी भारत-जापान ‘टू प्लस टू’ वार्ता के लिए सोमवार को यहां पहुंचीं। वार्ता में हिंद-प्रशांत क्षेत्र की स्थिति की समीक्षा और द्विपक्षीय रणनीतिक संबंधों को विस्तार देने के तरीकों पर विचार-विमर्श किये जाने की उम्मीद है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस जयशंकर मंगलवार को अपने जापानी समकक्षों क्रमश: किहारा मिनोरू और कामिकावा के साथ वार्ता करेंगे।
रक्षा मंत्रालय ने कहा, ‘‘मौजूदा वैश्विक परिवेश में स्वतंत्र, खुला, समावेशी और समृद्ध हिंद-प्रशांत क्षेत्र सुनिश्चित करने के लिए भारत-जापान रक्षा साझेदारी का मजबूत होना जरूरी है।’’
उम्मीद की जा रही है कि दोनों पक्ष क्षेत्र में चीन के बढ़ते सैन्य प्रभाव के मद्देनजर हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सहयोग को और आगे बढ़ाएंगे।
वार्ता का पहला संस्करण 2019 में भारत में आयोजित किया गया था, जबकि दूसरा 2022 में जापान में हुआ था।
वार्ता के अलावा, सिंह और जयशंकर मंगलवार को जापान के रक्षा मंत्री मिनोरू और विदेश मंत्री कामिकावा के साथ अलग-अलग द्विपक्षीय वार्ता भी करेंगे।
रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘द्विपक्षीय वार्ता और ‘टू प्लस टू’ बैठक के दौरान, मंत्री द्विपक्षीय सहयोग की समीक्षा करेंगे और दोनों देशों के बीच संबंधों को और मजबूत करने के लिए नयी पहल तलाशेंगे।’’
मंत्रालय ने कहा कि मंत्री परस्पर हितों के क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी चर्चा करेंगे।
रक्षा मंत्रालय ने कहा, ‘‘भारत और जापान लोकतंत्र, स्वतंत्रता और कानून के शासन के साझा मूल्यों पर आधारित 'विशेष रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी' साझा करते हैं।’’
मंत्रालय ने कहा कि रक्षा इस संबंध में सबसे महत्वपूर्ण स्तंभों में से एक के रूप में उभरा है।
'टू प्लस टू' वार्ता के बारे में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, ‘‘भारत-जापान बहुआयामी साझेदारी के विभिन्न क्षेत्रों को कवर करने वाली ठोस चर्चा होनी है।’’
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)