नयी दिल्ली, 11 अक्टूबर जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज की यात्रा से पहले, भारत में जर्मनी के राजदूत फिलिप एकरमैन ने अंतर-सरकारी परामर्श के लिए प्रमुख चर्चा क्षेत्रों की रूपरेखा तैयार की है।
एकरमैन ने कहा कि दोनों देशों के शीर्ष अधिकारियों के बीच कई दौरों और फोन कॉल के माध्यम से परामर्श को अंतिम रूप दिया जा रहा है।
राजदूत ने ‘पीटीआई-वीडियो’ को बताया, “मुझे लगता है कि हम भारत के साथ हरित और सतत विकास साझेदारी पर महत्वपूर्ण रूप से ध्यान केंद्रित करेंगे, साथ ही सेना, सामरिक नीति तथा रक्षा क्षेत्र पर भी विशेष रूप से जोर दिया जाएगा।”
उन्होंने कहा, “इसमें आव्रजन पर भी महत्वपूर्ण चर्चा होगी, जो हमारे सहयोग का एक महत्वपूर्ण पहलू है।”
इसके अलावा, एजेंडा में एक दूसरे के देशों में संचालित जर्मन और भारतीय व्यवसायों की गतिशीलता पर भी चर्चा की जाएगी।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को जर्मनी के संघीय रक्षा मंत्री बोरिस पिस्टोरियस के साथ टेलीफोन पर बातचीत की।
एकरमैन ने इस फोन कॉल को इस महीने के अंत में होने वाले आगामी अंतर-सरकारी परामर्शों के अग्रगामी कदम के रूप में रेखांकित किया।
राजदूत ने कहा, “बहुत सी बातें विचाराधीन हैं। परियोजनाओं पर चर्चा हो चुकी है। हम इस महीने के अंत में एक बहुत ही सफल और लाभप्रद द्विपक्षीय बैठक का गवाह बनेंगे। दोनों पक्षों को एक निश्चित परिणाम सुनिश्चित करने के लिए एक मजबूत एजेंडा तैयार करने की आवश्यकता है।”
पिछले सप्ताह, जर्मन राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेन्स प्लॉटनर ने शोल्ज की आगामी यात्रा की तैयारी के लिए अपने भारतीय समकक्ष अजीत डोभाल और विदेश मंत्री एस. जयशंकर के साथ अलग-अलग चर्चा की।
शोल्ज की यात्रा में भारत-जर्मनी अंतर-सरकारी आयोग (आईजीसी) के एक हिस्से के तौर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ व्यापक चर्चा भी शामिल होगी।
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