खंडित भू-राजनीतिक विश्व के बीच भारत जी20 सम्मेलन की मेजबानी के लिए तैयार
G20 Summit (Photo Credit: ANI)

नयी दिल्ली, 8 सितंबर:  भारत शनिवार नौ सितंबर से शुरू हो रहे जी20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी के लिए तैयार है। भारत में इसका आयोजन ऐसे समय हो रहा है जब खंडित भू-राजनीतिक माहौल के बीच विश्व कई जटिल चुनौतियों का सामना कर रहा है जिनमें ‘‘वैश्विक दक्षिण’’ की चिंताएं, यूक्रेन संघर्ष के परिणाम, निराशाजनक आर्थिक परिदृश्य आदि शामिल हैं. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, अमेरिका के राष्ट्रपति जो. बाइडन, जर्मनी के चांसलर ओलाफ शोल्ज, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और जी20 समूह के अन्य नेताओं के साथ ही अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष, विश्व बैंक एवं आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (ओईसीडी) जैसे प्रमुख विश्व निकायों के अध्यक्ष शिखर सम्मेलन के लिए राष्ट्रीय राजधानी में एकत्र हो रहे हैं.

भारत पहली बार जी20 के सालाना शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है। इस मौके पर विश्व नेताओं का भव्य स्वागत करने और शिखर सम्मेलन के आयोजन को सफल बनाने के लिए भरसक प्रयास किए जा रहे हैं। इस तरह के चर्चित कार्यक्रम के आयोजन के लिए नगर में भी काफी बदलाव किया गया है. लेकिन शिखर सम्मेलन को लेकर सबसे बड़ा सवाल यह बना हुआ है कि क्या नेताओं का संयुक्त घोषणापत्र जारी होगा क्योंकि दस्तावेज में यूक्रेन युद्ध का वर्णन करने के लिए पश्चिमी देशों और रूस-चीन गठबंधन के बीच तीखे मतभेद हैं. इस विवादास्पद मुद्दे पर अब तक कोई सहमति नहीं बन सकी है और शीर्ष वार्ताकार मतभेदों को दूर करने के लिए बातचीत कर रहे हैं। जी20 आम सहमति के सिद्धांत पर काम करता है तथा कोई आम राय नहीं होने पर शिखर सम्मेलन बिना किसी घोषणापत्र के ही समाप्त हो सकता है.

भारत की अध्यक्षता के लिए आशा की किरण यह है कि अफ्रीकी संघ को समूह में स्थायी सदस्य के तौर पर शामिल करने के उसके प्रस्ताव को लगभग सभी जी20 देशों से समर्थन मिलने की संभावना है। यह समूह संयुक्त राष्ट्र के बाद संभवत: सबसे प्रभावशाली बहुपक्षीय मंच के तौर पर उभरा है. भारत पिछले कुछ साल में वैश्विक दक्षिण या विकासशील देशों, खासकर अफ्रीकी महाद्वीप की चिंताओं, चुनौतियों और उनकी आकांक्षाओं को उजागर करते हुए उनकी एक प्रमुख आवाज रहा है. प्रधानमंत्री मोदी अफ्रीकी संघ को जी20 का सदस्य बनाए जाने के मुद्दे को आगे बढ़कर उठाते रहे हैं. जून में, प्रधानमंत्री ने जी20 नेताओं को पत्र लिखकर नयी दिल्ली शिखर सम्मेलन में अफ्रीकी संघ को समूह की पूर्ण सदस्यता देने की पैरवी की थी.

यूरोपीय संघ ने शुक्रवार को कहा कि वह नयी दिल्ली में होने वाले जी20 शिखर सम्मेलन में समूह के स्थायी सदस्य के रूप में अफ्रीकी संघ का स्वागत करने को लेकर उत्साहित है. यूरोपीय परिषद अध्यक्ष चार्ल्स मिशेल ने भारत की अध्यक्षता में आयोजित हो रहे जी20 शिखर सम्मेलन से एक दिन पहले यह बात कही. मिशेल ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘यूरोपीय संघ जी20 के स्थायी सदस्य के रूप में अफ्रीकी संघ का स्वागत करने को लेकर उत्साहित है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यूरोपीय संघ जी20 में अफ्रीकी संघ को शामिल किए जाने का समर्थन करता है.’’ प्रधानमंत्री मोदी ने हाल ही में पीटीआई- के साथ एक साक्षात्कार में कहा था, ‘‘यह समझ बढ़ रही है कि दुनिया को जिन समाधानों की आवश्यकता है, उनमें से कई पहले से ही हमारे देश में सफलतापूर्वक लागू किए जा रहे हैं। भारत की जी-20 अध्यक्षता से कई सकारात्मक प्रभाव सामने आ रहे हैं। उनमें से कुछ मेरे दिल के बहुत करीब हैं’’

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