नयी दिल्ली, सात जनवरी भारत ने मंगलवार को तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र में आए विनाशकारी भूकंप से हुई मौतों और तबाही पर संवेदना व्यक्त की।
तिब्बत में आए 6.8 तीव्रता वाले भूकंप में कम से कम 126 लोग मारे गए और दर्जनों अन्य घायल हो गए।
भारत के संदेश में चीन का जिक्र नहीं किया गया।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर कहा, ‘‘सरकार और भारत के लोग तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र में आए विनाशकारी भूकंप के कारण हुई जान-माल की दुखद क्षति पर संवेदना व्यक्त करते हैं।’’
उन्होंने चीन का उल्लेख किये बिना कहा, ‘‘हमारी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं पीड़ितों और उनके परिवारों के साथ हैं।’’
धर्मशाला स्थित तिब्बत की निर्वासित सरकार के सिक्योंग या राजनीतिक प्रमुख पेंपा सेरिंग ने भी भूकंप से प्रभावित सभी लोगों के लिए प्रार्थना की।
सेरिंग ने 'एक्स' पर कहा, ‘‘केंद्रीय तिब्बती प्रशासन तिब्बत के डिंगरी क्षेत्र और आसपास के इलाकों में आए 6.8 तीव्रता के विनाशकारी भूकंप पर गहरा शोक व्यक्त करता है।’’
उन्होंने कहा कि केंद्रीय तिब्बती प्रशासन (सीटीए) दुनिया भर के तिब्बतियों के साथ मिलकर इस आपदा से प्रभावित सभी लोगों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता है।
तिब्बती आध्यात्मिक नेता दलाई लामा हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में रहते हैं। 1959 में चीनी विरोधी विद्रोह के विफल होने के बाद, 14वें दलाई लामा तिब्बत से भारत आ गए, जहां उन्होंने निर्वासित सरकार की स्थापना की।
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