जरुरी जानकारी | भारत सिर्फ गैर-जीएम चावल का निर्यात कर रहा है: सरकार

नयी दिल्ली, 20 अक्टूबर सरकार ने बुधवार को स्पष्ट किया कि भारत आनुवंशिक रूप से परिष्कृत (जीएम) चावल का निर्यात नहीं करता है क्योंकि देश में ऐसी फसल की कोई व्यावसायिक किस्म नहीं है और इसकी खेती भी यहां प्रतिबंधित है।

वाणिज्य मंत्रालय का स्पष्टीकरण भारत से कथित जीएम चावल से जुड़ी खाद्य वस्तुओं के निर्यात की खेप को वापस लेने के संबंध में एक रिपोर्ट के बाद आया है।

मंत्रालय ने बयान में कहा, ‘‘यह स्पष्ट किया जा सकता है कि भारत में जीएम चावल की कोई व्यावसायिक किस्म नहीं है, वास्तव में भारत में चावल की वाणिज्यिक जीएम खेती प्रतिबंधित है। भारत से जीएम चावल के निर्यात का कोई सवाल ही नहीं है।’’

मंत्रालय ने इस विशेष घटना, जिसके बारे में यूरोपीय संघ (ईयू) द्वारा रैपिड अलर्ट के माध्यम से रिपोर्ट किया गया था, के संदर्भ में आगे कहा, जीएमओ संदूषण चावल के आटे में पाए जाने का संदेह है जिसे यूरोपीय संघ में प्रसंस्कृत किया गया था और वे स्वयं संदूषण के सटीक स्रोत के बारे में सुनिश्चित नहीं हैं।

विभाग ने कहा कि भारत से निर्यात किया गया टूटा सफेद चावल यूरोपीय संघ में वास्तविक प्रसंस्करणकर्ता तक पहुंचने से पहले कई हाथों से गुजर चुका था। निर्यातक ने पुष्टि की है कि निर्यातित चावल गैर-जीएम फसल था।

विभाग ने कहा, ‘‘चूंकि, भारत में जीएम की कोई व्यावसायिक किस्म नहीं है, निर्यात खेप को भेजने के पहले यथोचित परीक्षण भी किया गया था। भारत द्वारा निर्यात किए गए सफेद चावल के कारण जीएमओ संदूषण की संभावना संभव नहीं है।’’

मंत्रालय ने कहा कि भारत सख्ती के साथ गैर-जीएम चावल का निर्यात कर रहा है।

बयान में कहा गया है कि भारत में ‘जेनेटिक इंजीनियरिंग अप्रेजल कमेटी’ (जीईएसी) के विशेषज्ञ और आईएआरआई के कृषि विशेषज्ञ और साथ ही अन्य चावल विशेषज्ञ, इस मामले की जांच कर रहे हैं, लेकिन इस बात की फिर से पुष्टि कर रहे हैं कि देश में वाणिज्यिक जीएम किस्म के चावल नहीं उगाए जाते हैं।

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