नयी दिल्ली, 20 नवंबर भारत और चीन ने बुधवार को पारस्परिक विश्वास एवं समझ की बहाली के लिए एक रोडमैप की दिशा में काम करने पर सहमति व्यक्त की। इसके साथ ही रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने चीनी समकक्ष दोंग जून के साथ वार्ता के दौरान 2020 के ‘‘दुर्भाग्यपूर्ण सीमा संघर्षों’’ से सबक लेने का आह्वान किया।
दोनों देशों के रक्षा मंत्रियों की मुलाकात लाओस की राजधानी विएंतियाने में हुई। यह मुलाकात ऐसे समय में हुई है जब कुछ सप्ताह पहले ही भारतीय और चीनी सेनाओं ने पूर्वी लद्दाख में दो अंतिम टकराव स्थलों से सैनिकों की वापसी पूरी की है।
रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि दोनों पक्ष पारस्परिक विश्वास और समझ की बहाली के लिए एक रोडमैप की दिशा में मिलकर काम करने पर सहमत हुए।
इसने कहा कि प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता में सिंह ने इस बात पर जोर दिया कि भारत और चीन के बीच सौहार्दपूर्ण संबंधों का वैश्विक शांति और समृद्धि पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
मंत्रालय ने कहा, ‘‘यह देखते हुए कि दोनों देश पड़ोसी हैं और बने रहेंगे, उन्होंने कहा कि हमें संघर्ष के बजाय सहयोग पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है।’’
बयान में कहा गया कि सिंह ने 2020 में सीमा पर हुईं दुर्भाग्यपूर्ण झड़पों से सीख लेने, ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए कदम उठाने और भारत-चीन सीमा पर शांति बनाए रखने का आह्वान किया।
मंत्रालय ने कहा, ‘‘उन्होंने तनाव में कमी लाकर दोनों पक्षों के बीच अधिक विश्वास और भरोसा कायम करने पर जोर दिया। दोनों पक्ष पारस्परिक विश्वास और समझ की बहाली के लिए एक रोडमैप की दिशा में मिलकर काम करने पर सहमत हुए।’’
सिंह और दोंग की मुलाकात 10 देशों के आसियान समूह और इसके कुछ संवाद साझेदारों के सम्मेलन से इतर हुई।
भारतीय और चीनी सेनाओं ने पिछले महीने के अंत में पूर्वी लद्दाख के डेमचोक और देपसांग से सैनिकों के वापसी की प्रक्रिया पूरी कर ली थी। इससे पहले दोनों पक्षों के बीच सीमा विवाद को सुलझाने के लिए कई वार्ताओं के बाद समझौता हुआ था।
दोनों पक्षों ने लगभग साढ़े चार वर्ष के अंतराल के बाद दोनों क्षेत्रों में गश्त भी शुरू कर दी।
सिंह की विएंतियाने की तीन दिवसीय यात्रा बुधवार से शुरू हुई जिसका मुख्य उद्देश्य आसियान रक्षा मंत्रियों की बैठक-प्लस (एडीएमएम-प्लस) में भाग लेना है।
एडीएमएम-प्लस एक मंच है जिसमें 10 देशों का आसियान (दक्षिण-पूर्वी एशियाई राष्ट्रों का संगठन) और इसके आठ संवाद साझेदार - भारत, चीन, ऑस्ट्रेलिया, जापान, न्यूजीलैंड, कोरिया गणराज्य, रूस और अमेरिका शामिल हैं।
सोमवार को विदेश मंत्री एस. जयशंकर और उनके चीनी समकक्ष वांग यी ने जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान रियो डी जेनेरियो में प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता की, जो डेमचोक और देपसांग से दोनों देशों की सेनाओं की वापसी के बाद पहली उच्चस्तरीय वार्ता थी।
विदेश मंत्रालय के अनुसार, दोनों मंत्रियों ने महसूस किया कि यह जरूरी है कि ध्यान संबंधों को स्थिर करने, मतभेदों को सुलझाने और अगले कदम उठाने पर होना चाहिए।
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