Olympic Games Beijing 2022: गलवान संघर्ष के कमांडर को चीन द्वारा ओलंपिक का मशाल वाहक बनाने को भारत ने ‘अफसोसनाक’ बताया
प्रतिकात्मक तस्वीर (Photo Credit PTI)

नयी दिल्ली, 3 फरवरी: भारत ने बृहस्पतिवार को घोषणा की है कि गलवान घाटी संघर्ष में शामिल एक सैन्य कमांडर को ओलंपिक मशाल वाहक के रूप में सम्मानित करने को लेकर बीजिंग में भारतीय दूतावास के प्रभारी चीन की राजधानी में होने वाले 2022 शीतकालीन ओलंपिक के उद्घाटन या समापन समारोह में शामिल नहीं होंगे. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची (Arindam Bagchi) ने सैन्य कमांडर को इस तरह से सम्मानित करने के चीन के कदम को अफसोसनाक करार दिया. यह भी पढ़ें: IND vs WI: शिखर धवन, ऋतुराज गायकवाड़, श्रेयस अय्यर और नवदीप सैनी COVID पॉजिटिव, टीम इंडिया की बढ़ी मुश्किल

बागची ने सप्ताहिक प्रेस वार्ता में कहा कि बीजिंग में भारतीय दूतावास के प्रभारी बीजिंग 2022 शीतकालीन ओलंपिक के उद्घाटन या समापन समारोह में शामिल नहीं होंगे. पीएलए के गलवान घाटी के कमांडर को शीतकालीन ओलंपिक मशाल देकर चीन द्वारा सम्मानित किए जाने के बारे में पूछे जाने पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, 'हमने इस मुद्दे पर रिपोर्ट देखी है,' 'यह अफसोस की बात है कि चीन ने ओलंपिक जैसे आयोजन का राजनीतिकरण करना चुना'

गौरतलब है कि गलवान घाटी में 15 जून 2020 को संघर्ष में शामिल पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के रजिमेंट कमांडर को बीजिंग में शीतकालीन ओलंपिक के मशाल वाहक के रूप में चुना है. 15 जून 2020 को गलवान घाटी में संघर्ष के बाद पूर्वी लद्दाख में सीमा विवाद बढ़ गया था. इस संघर्ष में भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हुए थे. पिछले वर्ष फरवरी में चीन ने आधिकारिक रूप से स्वीकार किया कि उसके पांच सैन्य अधिकारी एवं जवान शहीद हुए थे.

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