नयी दिल्ली, 1 जनवरी भारत ने शुक्रवार को पाकिस्तान से 185 भारतीय मछुआरों और तीन नागरिक कैदियों को रिहा करने और उन्हें लौटाने को कहा है जिनकी नागरिकता की पहले ही पुष्टि करके पाकिस्तानी अधिकारियों को बता दिया गया है ।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि इसके अलावा पाकिस्तान से भारतीय मछुआरों और 22 नागरिक कैदियों को तत्काल राजनयिक पहुंच उपलब्ध कराने को भी कहा गया है जो उसकी कैद में है और समझा जाता है कि वे भारतीय हैं ।
इस आशय का आग्रह दोनों देशों के बीच नागरिक कैदियों और मछुआरों की सूची के आदान प्रदान के परिप्रेक्ष में हुआ । साल 2008 के समझौता ढांचे के तहत हर साल के पहले दिन दोनों देश इस प्रकार की सूचियों का आदान प्रदान करते हैं ।
कोविड-19 महामारी के मद्देनजर भारत ने पाकिस्तान से सभी भारतीय नागरिकों तथा भारतीय नागरिक एवं मछुआरे समझे जाने वाले कैदियों की सुरक्षा एवं कल्याण सुनिश्चित करने को कहा है ।
विदेश मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि भारत ने 263 पाकिस्तानी नागरिकों और 77 मछुआरों की सूची सौंपी जो भारत की हिरासत में हैं ।
इसी प्रकार से पाकिस्तान ने भी 49 नागरिक कैदियों एवं मछुआरों की सूची सौंपी जो उसी कैद में हैं और समझा जाता है कि वे भारतीय हैं ।
मंत्रालय ने कहा कि इस परिप्रेक्ष्य में पाकिस्तान से 185 भारतीय मछुआरों और तीन नागरिक कैदियों को रिहा करने और उन्हें लौटाने को कहा है जिनकी नागरिकता की पहले ही पुष्टि करके पाकिस्तानी अधिकारियों को बता दिया गया है ।
इसमें कहा गया है कि सरकार ने पाकिस्तान से चिकित्सा विशेषज्ञों के दल को वीजा प्रदान करने और उनके पाकिस्तान पहुंचने की प्रक्रिया में तेजी लाने को कहा है जो पाक की विभिन्न जेलों में भारतीय समझे जाने वाले कैदियों की मानसिक स्थिति का जायजा लेंगे।
बयान में कहा गया है कि इसके साथ ही संयुक्त न्यायिक समिति की जल्द पाकिस्तान यात्रा आयोजित करने का भी प्रस्ताव किया गया है ।
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