नयी दिल्ली, 30 दिसंबर समुद्री मार्ग से नीदरलैंड जैसे देशों को ताजे केले की सफलतापूर्वक परीक्षण खेप का निर्यात करने के बाद भारत अब रूस को इस फल का निर्यात बढ़ाने का लक्ष्य बना रहा है। सोमवार को एक अधिकारी ने यह जानकारी दी है।
भारत ने आने वाले वर्षों में एक अरब डॉलर के केला निर्यात का लक्ष्य रखा है। वर्तमान में, भारत से केले सहित अधिकांश फलों का निर्यात कम मात्रा और अलग-अलग पकने की अवधि के कारण हवाई मार्ग से हो रहा है।
निर्यात का आकार बढ़ाने के लिए भारत केले, आम, अनार और कटहल जैसे ताजस फलों और सब्जियों के लिए समुद्री प्रोटोकॉल विकसित कर रहा है ताकि समुद्री मार्गों के माध्यम से उनके निर्यात को बढ़ावा दिया जा सके।
कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) ने अन्य अंशधारकों के साथ मिलकर केले के लिए ये प्रोटोकॉल विकसित किए हैं। एपीडा वाणिज्य मंत्रालय का एक अंग है।
एपीडा के चेयरमैन अभिषेक देव ने कहा, ‘‘हम केले का निर्यात बढ़ाने के लिए रूस को लक्ष्य बना रहे हैं। हम रूस में क्रेता-विक्रेता बैठकों में भाग लेने जा रहे हैं।’’
उन्होंने कहा कि भारत ने वित्त वर्ष 2023-24 में 30 करोड़ डॉलर मूल्य के केले का निर्यात किया। 2022-23 में यह निर्यात 17.6 करोड़ डॉलर का हुआ था।
केले का एक प्रमुख उत्पादक भारत वैश्विक केला निर्यात बाजार में अपनी उपस्थिति लगातार बढ़ा रहा है।
वैश्विक केला निर्यात में देश की हिस्सेदारी वर्ष 2013 के मात्र 0.21 प्रतिशत से बढ़कर 2023 में 1.74 प्रतिशत हो गई है।
सरकार किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान करने, बुनियादी ढांचे में सुधार करने और बाजार पहुंच को सुविधाजनक बनाने सहित विभिन्न योजनाओं और पहल के माध्यम से केले की खेती और निर्यात को सक्रिय रूप से बढ़ावा दे रही है।
घरेलू किसान भी आधुनिक कृषि पद्धतियों को अपना रहे हैं, जिससे केले का उत्पादन बढ़ा है और उनकी गुणवत्ता में सुधार हुआ है।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)