नयी दिल्ली, 22 जुलाई देश में चीनी उत्पादन अक्टूबर से शुरू होने वाले विपणन वर्ष 2022-23 में थोड़ा घटकर 355 लाख टन रह सकता है। इसका कारण एथनॉल बनाने में गन्ने को उपयोग में लिया जाना है। उद्योग के आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है।
भारतीय चीनी मिल संघ (इस्मा) ने शुक्रवार को विपणन वर्ष 2022-23 (अक्टूबर-सितंबर) के लिए चीनी उत्पादन के प्रारंभिक अनुमान जारी किए।
इस्मा के अनुसार, वर्ष 2022-23 में चीनी का उत्पादन 355 लाख टन रहने का अनुमान है, जबकि सितंबर को समाप्त होने वाले मौजूदा विपणन वर्ष में यह उत्पादन 360 लाख टन रहा था।
एथनॉल उत्पादन के लिए अगर गन्ने का उपयोग नहीं होता, शुद्ध चीनी उत्पादन वर्ष 2022-23 में 399.97 लाख टन से अधिक होने का अनुमान है, जबकि मौजूदा विपणन वर्ष 2021-22 में चीनी उत्पादन 394 लाख टन था।
इस्मा का अनुमान है कि गन्ना शीरा और बी-शीरा को एथनॉल में उपयोग में लाने से अगले विपणन वर्ष में चीनी उत्पादन में लगभग 45 लाख टन की कमी आएगी। वर्तमान विपणन वर्ष 2021-22 में लगभग 34 लाख टन गन्ना एथनॉल तैयार करने के लिए उपयोग में लाने का अनुमान है।
वर्ष 2022-23 में वार्षिक घरेलू मांग लगभग 275 लाख टन होने का अनुमान है, जिसके बाद निर्यात के लिए लगभग 80 लाख टन चीनी अधिशेष मात्रा में बचेगी।
मई में, केंद्र ने घरेलू उपलब्धता और मूल्य स्थिरता को बनाए रखने के लिए चालू विपणन वर्ष 2021-22 में चीनी निर्यात की सीमा एक करोड़ टन तय कर दी थी।
इस्मा ने कहा कि शेष अवधि के दौरान सामान्य वर्षा और अन्य अनुकूलतम स्थितियों को मानकर अनुमान लगाया गया है।
जून 2022 के उत्तरार्ध में प्राप्त उपग्रह चित्रों के आधार पर, इस्मा ने कहा कि वर्ष 2022-23 में गन्ने के तहत कुल रकबा 4 प्रतिशत बढ़कर 58.28 लाख हेक्टेयर होने का अनुमान है।
इस्मा ने कहा कि मौजूदा एथनॉल आपूर्ति वर्ष (दिसंबर-नवंबर) में, 10 जुलाई तक, एथनॉल की कुल अनुबंधित मात्रा 444.42 करोड़ लीटर थी और इसमें से 362.16 करोड़ लीटर चीनी उद्योग से आपूर्ति की गई थी।
इस्मा ने कहा कि वर्ष 2022-23 के दौरान, ‘‘चूंकि 12 प्रतिशत मिश्रण का लक्ष्य हासिल होने की उम्मीद है, इसके लिए कुल मिलाकर लगभग 545 करोड़ लीटर एथनॉल की आवश्यकता होगी और आपूर्ति की जाएगी।’’
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