
नयी दिल्ली, 19 फरवरी कांग्रेस ने एक के बाद एक चुनावी हार के पश्चात अब संगठन में नयी जान फूंकने के लिए अपनी जिला इकाइयों को ताकत देने तथा चुनावी नतीजों को लेकर सभी महासचिव एवं प्रभारियों की जवाबदेही तय करने का फैसला किया है।
पार्टी के नए मुख्यालय ‘इंदिरा भवन’ में बुधवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे एवं पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की महासचिवों और प्रदेश प्रभारियों के साथ बैठक हुई। बैठक में मुख्य विपक्षी दल ने यह भी तय किया कि कर्नाटक के बेलगावी में हुई कार्यसमिति की पिछली बैठक में पारित प्रस्ताव के अनुसार, अगले कुछ हफ्तों के भीतर ‘संविधान बचाव यात्रा’ शुरू की जाएगी जिसका समापन अगले वर्ष गणतंत्र दिवस पर होगा।
पार्टी महासचिव जयराम रमेश का कहना है कि यह यात्रा विशाल जनसंपर्क कार्यक्रम होगा जिसके तहत हर जिले के कोने-कोने से पद यात्राएं निकाली जाएंगी।
कांग्रेस के नए मुख्यालय में पार्टी पदाधिकारियों की यह पहली बैठक थी।
करीब सात घंटे की मैराथन बैठक के बाद रमेश ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘इस बैठक में बेलगावी के 'नव सत्याग्रह' में हुए प्रस्ताव पर चर्चा हुई। महू में कांग्रेस की ‘जय बापू-जय भीम-जय संविधान’ रैली हुई थी, बैठक में इस पर भी चर्चा की गई। एक साल के लिए 'संविधान बचाओ राष्ट्रीय यात्रा' हर राज्य, जिले और प्रखंड में निकाली जाएगी।’’
उन्होंने बताया कि अप्रैल के पहले पखवाड़े में गुजरात में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी का सत्र आयोजित करने को लेकर भी चर्चा की गई।
रमेश ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त की नियुक्ति की प्रक्रिया तथा मतदाता सूचियों में कथित गडबड़ी का हवाला देते हुए आरोप लगाया, ‘‘आज संवैधानिक संस्थाओं, खासतौर पर निर्वाचन आयोग को कमजोर किया जा रहा है, उस पर आक्रमण हो रहा है।’’
उनका कहना था कि ये बात सभी ने मानी कि राजनीतिक पार्टियों को मतदाता सूची उपलब्ध कराना आयोग की जिम्मेदारी है, ताकि उसका सही विश्लेषण किया जा सके।
रमेश ने दावा किया, ‘‘चुनाव के लिए लाखों फर्जी नाम राज्यों में जोड़े और घटाए जाते हैं। यह हमारे लोकतंत्र के लिए सबसे बड़ा खतरा है।’’
उन्होंने आरोप लगाया कि बड़े अफसोस के साथ कहना पड़ता है कि निर्वाचन आयोग प्रधानमंत्री और गृह मंत्री के इशारे पर चलता है तथा यह संविधान पर आक्रमण है, संविधान का अपमान है।
कांग्रेस महासचिव ने बताया, ‘‘बेलगावी में हमने तय किया था कि 2025 संगठन का वर्ष होगा। हमने 'संगठन सृजन कार्यक्रम' की घोषणा की थी। इसे लेकर हम करीब 800 जिला कांग्रेस कमेटियों को और ज्यादा मजबूत करेंगे।’’
उन्होंने कहा कि ‘नयी कांग्रेस’ में जिला इकाइयों को अधिक ताकत दी जाएगी।
सूत्रों का कहना है कि जिला इकाइयों को ताकत देने के लिए कांग्रेस संगठनात्मक चुनाव कराने समेत कई कदमों पर विचार कर रही है।
सूत्रों ने यह भी बताया कि ‘संविधान बचाओ यात्रा’ अप्रैल महीने में शुरू हो सकती है जो 26 जनवरी, 2026 पर समाप्त होगी तथा इसमें महंगाई, बेरोजगारी समेत जनहित के विभिन्न मुद्दे उठाए जाएंगे।
सूत्रों के अनुसार, खरगे ने सामाजिक न्याय के मार्ग पर कांग्रेस के चलने पर जोर दिया तो राहुल गांधी ने स्थानीय स्तर के संगठन को मजबूती प्रदान करने और युवाओं को अधिक मौके देने की वकालत की।
बैठक को संबोधित करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने पार्टी के भीतर जवाबदेही की जरूरत पर जोर देते हुए कहा कि सभी महासचिव तथा प्रभारी अपने प्रभार वाले राज्यों में संगठन एवं चुनाव परिणामों के लिए जवाबदेह होंगे।
उन्होंने नए मुख्य निर्वाचन आयुक्त की नियुक्ति का उल्लेख करते हुए यह भी कहा कि चयन समिति से प्रधान न्यायाधीश को बाहर करने से स्पष्ट है कि सरकार को उनकी निष्पक्षता पर भी भरोसा नहीं है।
उन्होंने मतदाता सूचियों में कथित गड़बड़ी को लेकर कहा कि इस चुनौती से निपटना होगा।
कांग्रेस अध्यक्ष ने दिल्ली विधानसभा चुनाव के परिणाम का हवाला देते हुए कहा कि कांग्रेस को राष्ट्रीय राजधानी में यह प्रयास करना होगा कि पार्टी मुख्य विपक्ष के रूप में उभरे।
इस बैठक में खरगे के अलावा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल, महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा और कई अन्य महासचिव तथा प्रभारी शामिल हुए।
खरगे ने पार्टी पदाधिकारियों से कहा, "कई बार पार्टी की मजबूती के लिए जल्दबाजी में कई लोगों को शामिल कर लिया जाता है लेकिन विचारधारा में कमजोर लोग मुश्किल समय में भाग खड़े होते हैं। ‘असल फिसल पड़े और नकल चल पड़े’ यह पुरानी कहावत है, ऐसे लोगों से हम दूर रहें।"
उनका कहना था, ‘‘हमें कांग्रेस पार्टी की विचारधारा के लिए प्रतिबद्ध ऐसे लोगों को आगे बढ़ाना चाहिए जो विपरीत माहौल में भी चट्टान की तरह हमारे साथ खड़े हों। मैं यहां सबसे जरूरी बात जवाबदेही के बारे में भी आप सभी से कहना चाहूंगा। आप सभी अपने प्रभार वाले राज्यों के संगठन और भविष्य के चुनाव परिणामों के लिए जवाबदेह होंगे।’’
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, "मैंने कार्य समिति की पिछली दो बैठकों में संगठनात्मक सृजन की बात की थी। उस कड़ी में कई फैसले किए जा चुके हैं। कुछ और फैसले जल्द ही किए जाएंगे।"
कांग्रेस संगठन में बदलाव के कुछ दिनों बाद महासचिवों और प्रभारियों की यह बैठक हुई।
कांग्रेस ने एक के बाद एक कई विधानसभा चुनावों में निराशाजनक प्रदर्शन के बाद बीते शुक्रवार को अपने राष्ट्रीय संगठन में बड़ा बदलाव करते हुए दो नए महासचिव और नौ प्रदेश प्रभारी नियुक्त किए थे।
हक
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