इस्लामाबाद: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (PM Iman Khan) ने मंगलवार को पूर्व उप राष्ट्रपति मुहम्मद यूनुस कानूनी के नेतृत्व वाले एक अफगान प्रतिनिधिमंडल से कहा कि पाकिस्तान अफगानिस्तान में एक समावेशी सरकार का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध है. अफगानिस्तान से नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल तालिबान आतंकवादियों द्वारा देश पर कब्जे के बीच रविवार को यहां बातचीत के लिए पहुंचा. खान के कार्यालय ने एक बयान में कहा कि उन्होंने यह रेखांकित किया कि पाकिस्तान से ज्यादा कोई अन्य देश अफगानिस्तान में शांति और स्थिरता का इच्छुक नहीं है.
उन्होंने ‘‘एक समावेशी राजनीतिक समाधान के लिए सभी पक्षों के काम करने के महत्व’’ पर प्रकाश डाला. खान के कार्यालय ने कहा कि खान ने अफगानिस्तान में शांति लाने के प्रयासों के लिए पाकिस्तान के दृढ़ समर्थन का आश्वासन दिया, लेकिन यह भी कहा कि मौजूदा स्थिति में अधिक जिम्मेदारी अफगान नेताओं पर है कि वे अफगानिस्तान का स्थायी शांति, स्थिरता और विकास के रास्ते पर नेतृत्व करने के लिए रचनात्मक रूप से मिलकर काम करें. यह भी पढ़े: अफगानिस्तान में शांति से दोनों पड़ोसी देशों के लिए आपसी सहयोग के खुलेंगे नए रास्ते- पाक पीएम इमरान खान
उन्होंने विश्वास, इतिहास, भूगोल, संस्कृति और नातेदारी के अपरिवर्तनीय बंधनों के माध्यम से पाकिस्तान के लोगों से जुड़े अफगानिस्तान के लोगों के लिए एक मजबूत समर्थन और एकजुटता व्यक्त की. प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने अफगान समाज की बहु-जातीय प्रकृति और एक समावेशी व्यवस्था के महत्व पर जोर दिया। अफगान प्रतिनिधिमंडल ने अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच भाईचारे के संबंधों को और मजबूत करने की इच्छा भी दोहराई.
प्रतिनिधिमंडल में स्पीकर उलुसी जिरगा मीर रहमान रहमानी, सलाह-उद-दीन रब्बानी, कानूनी, उस्ताद मोहम्मद करीम खलीली, अहमद जिया मसूद, अहमद वली मसूद, अब्दुल लतीफ पेद्रम, खालिद नूर और उस्ताद मोहम्मद मोहकिक शामिल थे.
प्रतिनिधिमंडल अफगानिस्तान में उभरती स्थिति पर चर्चा करने के लिए चार दिवसीय यात्रा पर पहुंचा और सोमवार को विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी से मुलाकात की.
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