विदेश की खबरें | इमरान खान की पार्टी के विरोध प्रदर्शन से 24 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ : रिपोर्ट
श्रीलंका के प्रधानमंत्री दिनेश गुणवर्धने

इस्लामाबाद, नौ अक्टूबर जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी द्वारा राष्ट्रीय राजधानी में सप्ताहांत में किए गए विरोध प्रदर्शनों के चलते 24 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। मीडिया में बुधवार को आई एक खबर में यह जानकारी दी गयी।

इस क्षति के आकलन का उल्लेख एक रिपोर्ट में किया गया है, जिसे इस्लामाबाद के महानिरीक्षक कार्यालय ने सप्ताहांत में खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के समर्थकों और कार्यकर्ताओं द्वारा किए गए हिंसक विरोध प्रदर्शन के बाद इस्लामाबाद के मुख्य आयुक्त को सौंपा था।

खान एक वर्ष से अधिक समय से रावलपिंडी की अदियाला जेल में बंद हैं।

सरकार द्वारा संवैधानिक संशोधन पेश किए जाने के बाद खान ने न्यायपालिका की स्वतंत्रता की मांग को लेकर विरोध रैली का आह्वान किया। उनकी पार्टी ने डी-चौक को प्रदर्शन स्थल के रूप में चुना। डी-चौक वही स्थान है जहां खान और उनकी पार्टी के समर्थकों ने 2014 में संघीय राजधानी में 126 दिनों तक धरना प्रदर्शन किया था।

पार्टी खान की रिहाई की भी मांग कर रही है।

शीर्ष पुलिस अधिकारी की रिपोर्ट का हवाला देते हुए जियो न्यूज ने कहा कि विरोध प्रदर्शन के दौरान 14 करोड़ रुपये की कीमत के 441 सेफ सिटी कैमरों को नुकसान पहुंचाया गया। इसके अलावा 10 पुलिस वाहन, 31 मोटरसाइकिल और 51 गैस मास्क भी क्षतिग्रस्त हुए।

जियो न्यूज ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने तीन निजी वाहनों और एक क्रेन को भी नुकसान पहुंचाया। रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि एक पुलिसकर्मी की मौत हो गयी और 31 अन्य घायल हो गए।

इसमें वित्त मंत्री मुहम्मद औरंगजेब के मंगलवार को टेलीविजन पर दिए गए भाषण के हवाले से कहा गया है कि उनके मंत्रालय की आर्थिक सलाहकार शाखा ने आर्थिक गतिविधियों के रुकने से विरोध प्रदर्शन के कारण 190 अरब रुपये के भारी आर्थिक नुकसान का आकलन किया है।

पाकिस्तान द्वारा अगले सप्ताह शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक की मेजबानी की तैयारी के बीच प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने मंगलवार को कहा कि खान की पार्टी को 2014 जैसा धरना दोहराने की इजाजत नहीं दी जाएगी, जिसके कारण चीनी राष्ट्रपति की यात्रा रद्द करनी पड़ी थी।

पीटीआई के विरोध प्रदर्शन के कारण रावलपिंडी और इस्लामाबाद में शुक्रवार से लेकर कम से कम रविवार तक जनजीवन प्रभावित रहा, क्योंकि प्रदर्शनकारियों को प्रवेश करने से रोकने के लिए दोनों शहरों को कंटेनरों से सील कर दिया गया था। इंटरनेट पर भी व्यापक प्रतिबंध लगा दिया गया है। शनिवार से लाहौर में भी ऐसी ही स्थिति बनी हुई है।

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